कुछ लोगों का शरीर उनकी उम्र से ज्यादा तेज दौड़ता है. आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो अपनी उम्र के मुकाबले दिखने में ज्यादा बड़े लगते हैं. डॉक्टर्स की नजर में ये एजिंग से जुड़ी समस्या है, जिसमें इंसान का शरीर सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा तेजी से विकसित होता है. एक्सपर्ट की मानें तो शरीर में होने वाले कुछ अनोखे बदलाव एजिंग की समस्या की तरफ इशारा करते हैं.
कमर से टाइट कपड़े- बॉडी के मिड सेक्शन में फैट का अचानक बढ़ना एजिंग की समस्या को दर्शाता है. उदाहरण के लिए, अगर आपकी कोई पुरानी पैंट पेट और जांघ के पास से टाइट होने लगे और नीचे की तरफ से फिटिंग में कोई बदलाव न आए तो ये एजिंग की समस्या हो सकती है. हालांकि इस तरह की दिक्कत मेटाबॉलिक सिंड्रोम और आर्थराइटिस के कारण भी हो सकती है.
जख्मों का देरी भरना- डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर किसी इंसान के मामूली जख्म या खरोच भी आसानी से नहीं भर रहे हैं तो ये एजिंग से जुड़ी समस्या हो सकती है. इस तरह की दिक्कतें हमारे इंटरनल एजिंग सिस्टम पर निर्भर करती हैं.
लोगों का टोकना- अंजान लोग अक्सर किसी इंसान के शरीर और उम्र के बीच फांसला देखकर हैरान रह जाते हैं. अगर आपको भी पहली बार देखकर लोग ऐसा ही सोचते हैं, तो ये दिक्कत आपके साथ भी हो सकती है. करीब दर्जन भर अजनबी लोगों से आपकी उम्र का अंदाजा लगाने के लिए कहें और फिर उसका अनुपात निकालें. ये आपके शरीर की सही बायोलॉजिकल एज के बारे में बता सकता है.
कमजोर पकड़- एक्सपर्ट कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ इंसान की पकड़ कमजोर होने लगती है. एक स्टडी के मुताबिक, हाथों की पकड़ का हमारी उम्र से सीधा कनेक्शन होता है. ये न सिर्फ कमजोर मांसपेशियों का संकेत है, बल्कि ये भी बताता है कि आपका ब्रेन एजिंग फास्टर है.
बोन लॉस- दुर्भाग्यवश बोन लॉस एजिंग का एक नॉर्मल पार्ट है. बोन मास गायब होने से चेहरे पर दिक्कतें साफ झलकती हैं. गालों का अंदर की तरफ धंसना और ज्यादा पतले होंठ इसके लक्षण हो सकते हैं. धूम्रपान, खराब न्यूट्रिशन, कार्डियोवस्कुलर हेल्थ या अचानक वजन घटने के कारण भी इंसान की उम्र ज्यादा नजर आती है.
झुर्रियां- उम्र से पहले चेरहे पर ज्यादा झुर्रियां भी एजिंग की समस्या का वॉर्निंग साइन है. कुछ लोग अनुवांशिक रूप से भी इसका शिकार हो सकते हैं. इसके अलावा तंबाकू का सेवन, धूप से ज्यादा संपर्क, डाइट से जुड़ी आदतें और एल्कोहल का अतिरिक्त सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.
बालों का झड़ना- कम उम्र में ही बालों का झड़ना एजिंग की दिक्कत का वॉर्निंग साइन हो सकता है. बालों से जुड़ी ये समस्या हमारे सिर तक सीमित नहीं रहती है. हाथ, पैर या शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक बालों को उड़ना एजिंग की समस्या हो सकती है.
सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत- कमजोर घुटने और खराब फिटनेस की वजह से अगर आपको भी सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत होती है तो ये भी प्रीमैच्योर एजिंग समस्या का संकेत हो सकता है. दूसरा, थोड़ी सीढ़ियां चढ़ने पर सांस तेजी से फूलने लगे या ऐसा करना पहाड़ चढ़ने जैसा काम लगे तो ये भी एजिंग की समस्या हो सकती है.
मीनोपॉज- महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल की फ्रीक्वेंसी और प्रीडिक्टिब्लिटी भी एजिंग से जुड़ी समस्या का संकेत देती है. ये मीनोपॉज के 15 साल पहले शुरू हो सकती है. अक्सर लोग 30 से 40 साल की उम्र की महिलाओं में अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल को उम्र से जोड़कर नहीं देखते हैं. इस हार्मोन इर्रेगुलैरिटीज के चलते उनका वजन बढ़ सकता है. मांसपेशियां घट सकती हैं. अनिद्रा और उम्र के तेजी से बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.
मांसपेशियां- मांसपेशियों की ताकत का हमारी उम्र से सीधा कनेक्शन होता है. बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. हालांकि ये कोई अंतिम चरण नहीं है. खान-पान में बदलाव और एक्सरसाइज के जरिए आप मांसपेशियों को रिकवर कर सकते हैं.