फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को पाकिस्तान ने ग्रे लिस्ट में रखा है और अब उसे FATF से डांट भी पड़ी है. अब पाकिस्तान को एक और चेतावनी दी गई है. चीन की अध्यक्षता वाली FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि आपको जो समय दिया गया था वह ख़त्म हो गया है और यदि अब वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसके गंभीर वित्तीय परिणाम होंगे.
FATF का कहना है कि यदि जून 2020 तक पाकिस्तान स्थिति को नहीं संभालता है तो वह ब्लैकलिस्ट का सामना कर सकता है. 16 फरवरी से 21 फरवरी तक पेरिस में आयोजित एफएटीएफ बैठक मे पाकिस्तान की विफलता पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई. पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सितंबर 2019 तक का समय दिया गया था.
एफएटीएफ के बयान में कहा गया है “कार्य योजना की सभी समय सीमाएं समाप्त हो गई हैं. एफएटीएफ कार्य योजना को पूरा करने में पाकिस्तान की विफलता को व्यक्त करता है. पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे सुधरने के लिए अक्टूबर 2019 तक का समय दिया गया था.
एफएटीएफ को 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था. वर्तमान में इसके दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद सहित 39 सदस्य हैं. भारत एफएटीएफ परामर्श और इसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है.