रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास को अपनी नीतियों का आधार बनाया था। कोरोना आपदा में विकास की गति थम गई है,लेकिन इस महामारी से मुकाबले सबका साथ ही सर्वाधिक कारगर साबित हो रहा है। लॉक डाउन को सबका साथ मिला। इसकी अवहेलना करने वालों की वजह से समस्या बढ़ी थी। फिर भी सरकार सबका साथ लेकर कोरोना का मुकाबला कर रही है।
इसी क्रम में नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेसिंग संवाद किया। उनका प्रयास सभी राज्यों को साथ लेकर चलने की है। इसमें कोई भी कमजोर कड़ी रहेगी तो समस्या का समाधान नहीं हो सकेगा। मोदी सभी राज्यों पर ध्यान दे रहे है। ये बात अलग है कि पूर्वाग्रह से पीड़ित कुछ मुख्यमंत्री इसके प्रति उदासीन है।
उनके लिए यह भी राजनीति का मोर्चा है। ऐसा करके वह अपने राज्य के साथ न्याय नहीं कर रहे है। इनमें वह राज्य भी शामिल है,जिन्होंने जमात की समस्या को भी वोटबैंक के नजरिये से देखा था। इस कारण समस्या कई गुना बढ़ गई थी। नरेंद्र मोदी ने राज्यों को साथ लेकर लॉक डाउन, आपदा प्रबंधन, जरूरतमंदों की सहायता,चिकित्सा आदि पर विचार विमर्श किया। वह किसी निर्णय पर पहुंचने के पहले सभी राज्यों की सलाह लेना चाहते थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विस्तृत संवाद किया। इसमें तीन मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति पर विचार किया। मोदी ने राज्यों से कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में आज भारत बेहतर स्थिति में है। यदि लॉकडाउन पूरी तरह हटा दिया गया तो हमें पूरा लाभ नहीं मिलेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की विफलता भी परिलक्षित हुई। यही कारण है कि वह लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में थे। उन्होंने भी कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के दबाब में जमात पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया था। आमजन की समस्याओं की जगह उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने को प्राथमिकता दी थी।
उद्धव को स्वीकार करना पड़ा कि उनके राज्य की हालत सबसे ज्यादा खराब है। मोदी राज्यों से सलाह लेने के बाद ही महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे है। मोदी की राज्यों के साथ यह चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। पहली बैठक बीस मार्च को हुई थी। दूसरी मीटिंग दो अप्रैल,तीसरी ग्यारह अप्रैल को हुई थी।
नरेंद्र मोदी ने इसमें सभी राज्यों के हित पर जोर दिया। अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान देने का आग्रह किया। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल संबन्धी मोदी के विचार पर भी सहमति बनी।
पीएम मोदी तो पिछले छह वर्षों से इस दिशा में प्रयास कर रहे है। आज संकट के समय उनका लाभ भी मिल रहा है। फिलहाल मास्क और फेस कवर जीवन का हिस्सा बने रहेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम हो रहे है। देश पिछले डेढ़ महीनों में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है। निरंतर सतर्कता का सबसे अधिक महत्व है। मोदी ने आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल पर जोर दिया। हॉटस्पॉट्स में सख्ती से दिशानिर्देश लागू करना अपरिहार्य है। इससे रेड जोन को नारंगी म उसके बाद हरे रंग क्षेत्रों में परिवर्तित करना संभव होगा। मोदी ने गर्मी वर्षा मौसम को ध्यान में रख भी तैयारी का आग्रह किया।