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फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने फ़ाइलेरिया की दवा खाने के बारे में किया जागरूक

फाइलेरिया रोगी नेटवर्क ने स्वास्थ्य विभाग व सीफार के सहयोग से लंका मैदान परिसर में जनजागरूकता शिविर किया आयोजित

कानपुर नगर। फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने गुरुवार को ब्लॉक कल्याणपुर के लंका मैदान , सचेंडी में आयोजित दशहरा मेले में जनजागरूकता शिविर आयोजित किया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों द्वारा आयोजित इस शिविर में 250 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों ने परिसर में आने वाले लोगों को इस बीमारी के समुचित इलाज के बारे में जानकारी दी। अधिकतर लोगों ने इस बीमारी से अपने परिवार को बचाने के उपाय पूछे।

फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य जयशंकर बाजपाई ने बताया की उनके द्वारा विज़ुअल टूल के माध्यम से नये फाईलेरिया मरीजों की जानकारी एकत्रित की गयी है। चित्रों के माध्यम से खुद की स्थिति का लोगों ने आंकलन करते हुए सही का निशान लगाया। उन्होंने बताया की इस तरह कुल 13 मरीजों में फाईलेरिया के लक्षण पाये गये।

फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य कैलाश कुशवाहा ने शिविर में आये मरीजों को बताया कि फाइलेरिया मच्छरों से होने वाली बीमारी है। यह महिला या पुरुष किसी को भी हो सकती है। उन्होंने बताया की महिलाओं के स्तन में सूजन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिये ये फाईलेरिया भी हो सकता है। इसीलिये सरकार की ओर से हर साल सामूहिक दवा सेवन कराया जाता है। जिसमे आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा का सेवन करवाती हैं। पर गर्भवती, दो साल से कम आयु के बच्चों एवं गंभीर रुप से बीमार लोगों को दवा नहीं खानी है। उन्होंने बताया की चाहे व्यक्ति को फाईलेरिया हो या ना हो पर दवा का सेवन सबको करना है । फाइलेरिया के लक्षण पांच से 15 साल में पता चलते हैं। सदस्य राम सनेही कुशवाहा ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित रूप से साफ सफाई रखने एवं नियमित रूप से व्यायाम करने से बहुत लाभ मिलता है।

जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह का कहना है कि फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों का प्रयास सराहनीय है। इनकी पहल से कुछ महीने में नए फाइलेरिया रोगियों की पहचान में तेजी आई है। उन्होंने बताया की फाईलेरिया की दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यदि किसी को दवा खाने के बाद थोड़ी सी खराश, खुजली, सिरदर्द, उल्टी या चक्कर महसूस होता है, तो घबराए नहीं, यह बताता है कि शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद है और दवा का उन पर असर होने का यह लक्षण है। इस मौके पर सीफार की टीम, फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के अन्य सदस्य आदि उपस्थित रहे।

कानपुर के ब्लॉक कल्याणपुर और घाट्मपुर मे कुल 426 फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य आम जन मानस मे सार्वजनिक दवा सेवन कार्यक्रम और फाइलेरिया मरीजो के देखभाल के बारे मे प्रचार प्रसार कर रहें हैं।

ऐसे करें बचाव

• रात को सोते वक्त मच्छरदानी प्रयोग करें।
• पूरी बाजू के कपड़े पहने।
• आस-पास गंदगी या कूड़ा जमा न होने दें।
• नालियों में पानी रुकने न दें।
• रोगी को दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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