औरैया। नौनिहाल देश का भविष्य हैं, इनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर सही रास्ता दिखाने का कार्य करें। किसी दोराहे पर छोड़कर भटकने को मजबूर न करें। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित निजी विद्यालय प्रबंधकों/ प्रधानाचार्य के साथ आयोजित बैठक में उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राथमिक विद्यालय बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम सीढ़ी है जहां से उनके भविष्य की शुरुआत होती है, इसलिए व्यक्तिगत प्राथमिक विद्यालय को अच्छे से अच्छा बनाकर शासनादेशानुसार संचालित करें, ताकि किसी भी विद्यार्थी को आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि विद्यालय ग्रामीण एवं शहरी सीमांकन के साथ-साथ स्थाई मान्यता की ससमय प्रक्रिया पूर्ण करें, जिससे कोई भी छात्र अन्य शिक्षण संस्थान हेतु आवेदन करने के लिए मान्य हों।
श्री श्रीवास्तव ने नवोदय विद्यालय में पंजीकरण हेतु उत्तीर्ण छात्रों को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र तथा मान्यता न होने के कारण प्रवेश न मिलने के कारणों का संज्ञान लेते हुए आगाह किया कि इसमें छात्रों का कोई दोष नहीं होता है, फिर भी वह अच्छे विद्यालयों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। यह स्थिति बहुत खराब है इसलिए इस प्रकार के मामलों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे समस्त प्रबंधक/ प्रधानाचार्य जिनके विद्यालयों की स्थाई मान्यता नहीं है, वह शीघ्र ही स्थाई मान्यता हेतु ऑनलाइन आवेदन करना सुनिश्चित करें तथा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की सीमा संबंधी जानकारी भी विद्यालय में शिक्षारत विद्यार्थियों के अभिभावकों को देना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के शिक्षण संस्थानों की जांच कर यह देखें कि नियमानुसार स्थाई मान्यता हेतु ससमय जिनकी प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा रही है तो ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही करायें जिससे छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न होने पाए।
बैठक में प्रधानाचार्य नवोदय विद्यालय, बीएसए सहित विभिन्न निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक/ प्रधानाचार्य आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर