Breaking News

फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने आयोजित किया जागरूकता शिविर

• स्वास्थ्य विभाग व सीफार के सहयोग से मां चंद्रिका देवी मंदिर परिसर में शिविर आयोजित

• एमडीए/आईडीए राउन्ड में फ़ाइलेरिया की दवा खाने के बारे में श्रद्धालुओं को किया जागरूक

लखनऊ। फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने मंगलवार को मां चन्द्रिका देवी मंदिर प्रांगण में जनजागरूकता शिविर आयोजित किया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित इस शिविर में अनेक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।

शिविर में आये फाइलेरिया मरीज समर बहादुर सिंह ने बताया कि वह 12 वर्षों से फाइलेरिया ग्रसित हैं। नेटवर्क के सदस्यों ने परिसर में आने वाले लोगों को इस बीमारी के समुचित इलाज के बारे में जानकारी दी। अधिकतर श्रद्धालुओं ने इस बीमारी से अपने परिवार को बचाने के उपाय पूछे। शिविर में फाइलेरिया के 17 नए मरीजों की पहचान हुई।

फाइलेरिया रोगी नेटवर्क चंद्रिका मैया की सदस्य मालती देवी ने शिविर में आये मरीजों को बताया कि फाइलेरिया मच्छरों से होने वाली बीमारी है। बुखार आने पर स्वयं इलाज न करें। स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं। सरकार की ओर से हर साल सामूहिक दवा सेवन कराया जाता है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा का सेवन करवाती हैं। चाहे व्यक्ति स्वस्थ हो उसको भी दवा का सेवन करना चाहिए। फाइलेरिया के लक्षण पांच से 15 साल में पता चलते हैं।

फाइलेरिया रोगी ठेक्कर बाबा समूह की अध्यक्ष बिट्टो देवी ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित रूप से साफ सफाई रखने एवं नियमित रूप से व्यायाम करने से बहुत लाभ मिलता है। वहीं लखीमपुर के एमएलसी अनूप गुप्ता ने भी स्वास्थ्य शिविर पर आकर मरीजों से बातचीत की और उनका हाल चाल जाना।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि फ़ाइलेरिया बीमारी से जान तो नहीं जाती है लेकिन बीमारी हो जाने पर यह जीना मुश्किल कर देती है। इसलिए इसकी गंभीरता समझनी चाहिए। फ़ाइलेरिया दवा हर व्यक्ति को खानी चाहिए। यह जरूरी नहीं कि संक्रमित व्यक्ति ही फाइलेरिया की दवा खाए। इसके लक्षण की जानकारी कई वर्षों बाद होती है। इसलिए हर व्यक्ति को बीमारी न होने पर भी एमडीए/आईडीए राउन्ड के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा खानी चाहिए।

कठवारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अवधेश कुमार ने कहा कि फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों का प्रयास सराहनीय है। इनकी पहल से कुछ महीने में नए फाइलेरिया रोगियों की पहचान में तेजी आई है।

मंदिर प्रबंधन ने कहा कि किसी बीमारी के प्रति जनजागरूकता फैलाना ही असली पूजा है। यह कार्य यदि नवमी यानि इस विशेष दिन किया जा रहा है तो यह देवी जी का प्रसाद हम सब के लिए है। हम सभी को हर दिन कम से कम एक व्यक्ति को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना चाहिए। इस मौके पर सीफार की टीम, फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के अर्जुनलाल, परवेसा देवी और रामकली आदि उपस्थित रहीं।

About Samar Saleel

Check Also

कांग्रेस रायबरेली और अमेठी सीट पर अब भी मौन, बैठक में नहीं हुई चर्चा, लग रही हैं कई तरह की अटकलें

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो ...