लखनऊ। नगर निगम लखनऊ (Municipal Corporation Lucknow) द्वारा निरंतर चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान (Anti-Encroachment Campaign) के अंतर्गत बुधवार को ग्राम बिजनौर, (Village Bijnor) तहसील सरोजनी नगर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। मण्डलायुक्त एवं नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह (Municipal Commissioner Indrajit Singh) के नेतृत्व व मार्गदर्शन में अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित टीम ने सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाया।
ग्राम बिजनौर की गाटा संख्या 219 मि (क्षेत्रफल 0.193 हेक्टेयर) एवं 103 (क्षेत्रफल 0.101 हेक्टेयर), जो कि राजस्व अभिलेखों में ऊसर खाते के रूप में दर्ज हैं और नगर निगम के स्वामित्व की संपत्ति हैं, को अतिक्रमण मुक्त किया गया। इन भूमियों पर कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पूर्व में बिना विधिक विभाजन के पक्की सड़क का निर्माण कर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। नगर निगम की टीम द्वारा पूर्व में भी तीन बार इस अवैध निर्माण को हटाया गया था, किन्तु बार-बार अतिक्रमण की पुनरावृत्ति की जा रही थी।
इस बार की कार्यवाही के लिए नगर निगम की टीम ने व्यापक तैयारी के साथ कार्य किया। कार्रवाई का नेतृत्व राजस्व निरीक्षक अविनाश चन्द्र तिवारी द्वारा किया गया। मौके पर नगर निगम के प्रभारी अधिकारी संपत्ति संजय यादव, तहसीलदार अरविन्द पाण्डेय तथा नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार की देखरेख में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। टीम में नगर निगम के लेखपाल मृदुल मिश्रा, अजीत तिवारी, क्षेत्रीय लेखपाल आदेश शुक्ला के साथ-साथ थानाध्यक्ष बिजनौर द्वारा उपलब्ध कराई गई पुलिस बल एवं नगर निगम की ईटीएफ टीम भी शामिल रही।
कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया, किन्तु प्रशासनिक अधिकारियों की सूझबूझ एवं प्रभावी संवाद के चलते स्थिति को शांतिपूर्वक संभाला गया और पूरी कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से पूरी की गई।
उक्त कार्रवाई के अंतर्गत कुल 0.294 हेक्टेयर बेशकीमती सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया, जो अब नगर निगम की उपयोग में लाई जा सकेगी। यह कार्यवाही न केवल सरकारी सम्पत्ति की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि अवैध कब्जाधारियों को स्पष्ट संदेश भी देती है कि प्रशासन किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा।
नगर निगम लखनऊ द्वारा आगे भी इसी प्रकार की कार्यवाहियां नियमित रूप से जारी रखी जाएंगी ताकि नगर क्षेत्र में शासकीय संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।