केंद्रीय बजट 2024-25 का बजट तैयार किया जाना है। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया के तहत उद्योग और सामाजिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों समेत विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श पूरा कर लिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, जो 2047 तक विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य की दूरदर्शिता का एक प्रभावी दस्तावेज होगा।” उन्होंने यह भी कहा था कि आगामी बजट सत्र में कई ऐतिहासिक कदम और बड़े आर्थिक फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, “बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे।”
वहीं वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए 19 जून से शुरू हुआ, बजट-पूर्व परामर्श 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ। इस व्यक्तिगत परामर्श के दौरान, 10 हितधारक समूहों के 120 से अधिक आमंत्रितों ने बैठकों में भाग लिया। इस बैठक में किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों, ट्रेड यूनियनों, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र, रोजगार और कौशल, एमएसएमई, व्यापार और सेवाएं, उद्योग, अर्थशास्त्री, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार, साथ ही बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और शहरी क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे।
इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में की थी। इस दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और व्यय सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, दीपम सचिव तुहिन के पांडे, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा सहित अन्य शामिल हुए।
परामर्श के बाद सीतारमण ने बहुमूल्य सुझाव साझा करने के लिए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। साथ ही विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को यह आश्वासन दिया कि केंद्रीय बजट 2024-25 तैयार करते समय उनके सुझावों की सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी साथ ही उन पर विचार किया जाएगा।