राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद प्रिंसिपल ने सख्ती दिखाई तो सीनियर छात्र नाराज हो गए। उन्होंने मेस में बुलाकर सभी जूनियर्स को कल दोबारा बाल कटाने का आदेश सुना दिया। उधर, प्रिंसिपल ने मामले में जांच बैठा दी है।
दून मेडिकल कॉलेज में 23 अगस्त की रात गर्ल्स हॉस्टल में 2017 बैच की सीनियर छात्राओं ने जूनियर छात्राओं की रैगिंग की थी। उन्हें तीन घंटे तक खड़ा रखा गया। मामला गर्माया तो जिम्मेदार अधिकारियों ने जन्माष्टमी का कार्यक्रम बताकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं, कॉलेज में जूनियर छात्रों के बाल भी कटवाए गए थे और उनके लिए सीनियर छात्रों ने ड्रेस कोड तक तय कर दिया है। बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने सीनियर छात्रों को बुलाया। उन पर नाराजगी जताई, जिससे सीनियर छात्र गुस्सा गए। एक जूनियर छात्र के अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके बच्चे के साथ ही सभी जूनियर्स को बुधवार शाम फिर मेस में बुलाया गया। सीनियर छात्रों ने फिर फरमान सुनाया है कि हर आठवें दिन बाल कटवाने अनिवार्य है। इससे नए छात्र काफी परेशान हैं। वहीं, मामले की जांच के लिए प्रिंसिपल ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जो तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देगी।
जेब में होना चाहिए गुलाबी रुमाल सीनियर छात्रों ने जूनियर्स के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। बाल कटवाने के अलावा उन्हें गुलाबी रंग का रूमाल जेब में रखने को कहा गया है। रोजाना रात 12 बजे तक सभी जूनियर्स के लिए फॉर्मल ड्रेस में रहने का नियम लागू किया गया है। इसके अलावा लाल रंग के मौजे भी पहनने का फरमान सुनाया गया है।
प्रिंसिपल ने बैठक में पूछा तो अधिकारियों ने बचा ली जान
खबर प्रकाशित होने के बाद प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने बैठक बुलाई। बैठक में सभी विभागाध्यक्ष के अलावा हॉस्टल वार्डन और एंटी रैगिंग कमेटी को भी बुलाया गया। जब हॉस्टल वार्डन से 23 अगस्त की रात की घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे जन्माष्टमी का कार्यक्रम बताकर जान बचा ली। सार्वजनिक तौर पर जूनियर छात्रों से इस संबंध में पूछा गया तो वे डर के कारण कुछ नहीं बोल पाए।
10 सीनियर छात्र कर रहे रैगिंग
दून मेडिकल कॉलेज के जूनियर छात्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कॉलेज में एमबीबीएस के 10 सीनियर छात्र रैगिंग कर रहे हैं। इन छात्रों के बारे में कॉलेज के कुछ स्टाफ को भी जानकारी है। यह रोजाना रात को जूनियर छात्रों के हॉस्टल में पहुंच जाते हैं।
प्रभारी सचिव भी कटे बाल देखकर चौंके चिकित्सा शिक्षा के प्रभारी सचिव पंकज पांडे ने पिछले सप्ताह दून मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था। इस दौरान सभी छात्रों के कटे हुए बालों ने उन्हें चौंका दिया था। उन्होंने छात्रों को बुलाया तो कोई भी छात्र डर के मारे कुछ बोल नहीं पाया। उन्होंने बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद कॉलेज प्रिंसिपल को मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए।
कॉलेज न सुने तो यहां करें शिकायत
अगर रैगिंग होती है तो छात्र उसकी शिकायत अपने कॉलेज के प्रिंसिपल या एंटी रैगिंग टीम से कर सकते हैं। अगर कॉलेज न सुने तो वे यूजीसी के टोल फ्री नंबर 18001805522 या 155222 पर कॉल कर सकते हैं। उनकी पहचान छिपाकर रखी जाएगी। वह [emailprotected] पर ई-मेल भी कर सकते हैं।
मैंने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में रैगिंग होने की बात सामने नहीं आ पा रही है। हमने इस मामले की जांच को पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है, जो तीन दिन में रिपोर्ट देगी। हॉस्टल में विशेष छापेमारी की जा रही है। रैगिंग नहीं होने दी जाएगी।
-डॉ. आशुतोष सयाना, प्रिंसिपल, दून मेडिकल कॉलेज
रैगिंग को लेकर छात्राओं से की पूछताछ
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में रैगिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। रैगिंग की खबर प्रकाश में आने के बाद राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन हरकत में आ गया और छात्राओं को बुलाकर पूछताछ की। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि सुबह जूनियर छात्र-छात्राओं को एक घंटे योगा कराया जाता है। इस दौरान उनसे पूछा जाता है कि किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है।
बताया कि बुधवार को प्रोफेसरों की एक कमेटी ने छात्राओं से पूछताछ की। किसी भी छात्राएं ने रैगिंग के संबंध में जानकारी नहीं दी। बताया कि शिकायत करने वाली छात्रा भी सामने नहीं आई। वार्डेन को आदेश दिया गया है कि हास्टल में नियमित रूप से निरीक्षण करें।