उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनने के बाद इस संबंध में दर्ज किए गए पहले केस का आरोपी अरेस्ट कर लिया गया है. गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को गवर्नर आनंदी बेन पटेल की स्वीकृति मिलने बरेली के थाना देवरनिया में 28 नवंबर को पहला केस दर्ज किया गया था. उवैश अहमद नाम के एक व्यक्ति पर आरोप लगा था कि वह दूसरे समुदाय की लड़की को प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन का दवाब डाल रहा था.
पीड़ित छात्रा के पिता की शिकायत पर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर आरोपों की तफ्तीश शुरू कर दी है. पुलिस ने उस वक़्त बताया था कि देवरनिया क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव के रहने वाले एक शख्स ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा था कि पढ़ाई के वक़्त गांव के उवैश अहमद पुत्र रफीक अहमद ने उसकी बेटी से मेल-जोल बढ़ा लिया था. उसने आरोप लगाया था कि उवैश अहमद बहला-फुसलाकर प्रलोभन और दवाब में लेकर छात्रा पर धर्म परिवर्तन के लिए दवाब डाल रहा है.
शिकायत के अनुसार, विरोध पर आरोपी ने छात्रा के पिता और परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है और गाली-गलौज करता है. मामला सामने आने के बाद से आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी फरार चल रहा था. बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक मुखबिर की सूचना पर देवरनिया रेलवे फाटक से आरोपी को अरेस्ट कर लिया.