कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारियां जोरों पर है. राजधानी दिल्ली में भी इसे लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है. दिल्ली में वैक्सीन स्टोरेज सेंटर के साथ-साथ वैक्सीनेशन साइट भी तैयार कर ली गई है. दिल्ली का पहला वैक्सीनेशन सेंटर बनकर तैयार है.
दिल्ली के श्रीनिवासपुरी इलाके में मॉडल वैक्सीनेशन साइट बनाई गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक इस साइट में सभी तैयारियां की गई है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले मैटरनिटी होम में इस वैक्सीनेशन साइट को जगह दी गई है.
दिल्ली में करीब 1,000 वैक्सीनेशन सेंटर बनाने की तैयारी है. दिल्ली के वैक्सीन वितरण प्लान के मुताबिक तीन श्रेणियों को पहले वैक्सीन दी जाएगी. इनमे 3 लाख हेल्थ-केयर वर्कर, 6 लाख फ्रंट-लाइन वर्कर जैसे पुलिस, सिविल डिफेंस और ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है शामिल हैं. दिल्ली में कुल 51 लाख लोगों को पहले फेज में वैक्सीन लगाई जाएगी.
इस वैक्सीनेशन साइट में 3 मुख्य एरिया होंगे
1) वेटिंग एरिया
2) वैक्सीनेशन रूम
3) ऑब्जरवेशन रूम
वैक्सीन लगाने का वक्त सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगा
वेटिंग एरिया
वैक्सीन लगवाने के लिए आने वाले लोगों को सबसे पहले वेटिंग एरिया में भेजा जायेगा. इस एरिया में प्री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जायेगी. जिन लोगों को वैक्सीन दी जानी है उनकी लिस्ट जिला प्रशासन के पास पहले से ही तैयार रहेगी. वैक्सीनेशन सेंटर पर इसे साझा किया जायेगा. प्री-रजिस्ट्रेशन में वैक्सीन लगवाने के लिये आने वाले व्यक्ति का सूची में लिखे नामों से मिलान किया जायेगा. इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तैयार किये गये को-विन सॉफ्टवेयर के जरिए व्यक्ति की डीटेल और फोटो आईडी का मिलान किया जायेगा. उसकी सारी जानकारी सॉफ्टवेयर में अपडेट की जायेगी.
वैक्सीनेशन रूम
रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद व्यक्ति को वैक्सीनेशन रूम में भेजा जायेगा. वैक्सीनेशन रूम में एक वैक्सीनेटर होंगे जो कि वैक्सीन लगाने का काम करेंगे. वैक्सीन के स्टोरेज के लिये डीप फ्रीजर की व्यवस्था भी इस रूम में की गई है.
ऑब्जरवेशन रूम
वैक्सीनेशन के बाद सबसे अहम है ऑब्जरवेशन. इसके लिए अलग से एक एरिया तैयार किया गया है. ऑब्जर्वेशन रूम यानी वो जगह जहां पर टीका लगवाने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट इंतजार करना होगा. इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा का भी इंतजाम किया गया है. टीका लगने के बाद 30 मिनट का इंतजार इसलिए करना जरूरी है ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है. किसी व्यक्ति को अगर कोई दिक्कत होती है तो उसे अस्पताल ले जाने के लिये वैक्सीनेशन सेंटर में एम्बुलेंस भी मौजूद रहेगी.
वैक्सीनेशन टीम में होंगे 5 सदस्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक वैक्सीनेशन साइट पर वैक्सीन लगाने वाली टीम में 5 सदस्य होंगे. इस टीम में मुख्य अधिकारी एक डॉक्टर होंगे, उनके साथ एक नर्स और बाकी तीन उनके सहायक होंगे. फर्स्ट लीडर इंजेक्शन इंचार्ज होगा, सेकेंड लीडर का काम वैक्सीन के स्टोरेज की देख-रेख करनी होगी. तीसरे सदस्य का काम दस्तावेजों की जांच करना होगा और बाकी के दो लोग क्राउड मैनेजमेंट का काम करेंगे. यानी वैक्सीन के लिए लोगों को किस क्रम में बुलाना है इस व्यवस्था को संभालेंगे.
पहले से रजिस्टर्ड लोगों को ही दी जायेगी फर्स्ट फेज में वैक्सीन
पहले चरण में वैक्सीनेशन साइट पर केवल उन्हीं लोगों को वैक्सीन लगाई जायेगी जो प्राथमिकता के आधार पर पहले ही रजिस्टर्ड हो चुके हैं. कोरोना वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी. इसके बाद 50 साल से कम उम्र के उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी जो किसी पुराने गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं.
इसके बाद बाकी आबादी को वैक्सीन इस बीमारी के फैलाव और उपलब्धता के आधार पर दी जाएगी. ऐसा नहीं होगा कि कोई व्यक्ति तुरंत वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन कराए और टीका लगवा ले.श्रीनिवासपुरी वार्ड के निगम पार्षद राजपाल सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि हमें दिल्ली का पहला वैक्सीनेशन सेंटर बनाने का मौका मिला. हमने इसे मॉडल वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में विकसित किया है और अन्य जगहों पर भी अब इस तरह के सेंटर बनाए जाएंगे.