भगवान भोलेनाथ के मंदिर तो आपने बहुत से देखे होंगे जहां आपने इनकी पूजा अर्चना भी की होगी परंतु आज हम आपको इनके ऐसे मंदिर के बारे बताने जा रहे हैं जहां पिछले 50 सालों से इनकी पूजा नहीं हुई है। जी हां, सुनने में आपको चौकाने वाली ये बात सच है। तो चलिए अधिक देर न करते हुए जानते हैं कहां ये अद्भुत शिवलिंग जिसकी पूजा-अर्चना नहीं की गई। दरअसल सतना जिले के उचेहरा तहसील के अकही गांव में एक तालाब के किनारे स्थित 300 साल भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर खौफ़ का कारण बना हुआ है। जिसका कारण है लोगों के मन में मंदिर के प्रति आस्था के बजाए पैदा अंधविश्वास। यही कारण है गांव के बीच तालाब के समीप भगवान भोलेनाथ इस मंदिर में सन्नाटा पसरा रहता है। यहां की लोक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में जो भी पूजा करने आता है वह बीमार हो जाता है या फिर उनके साथ कोई ऐसी अनहोनी हो जाती है जिसके बाद वो दोबारा यहां पूजा करने लायक ही नहीं रहता।
ग्रामीणों की मानें तो 50 साल पहले इस मंदिर में पूजा करवाने वाले पुजारी की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद जो भी गांव वाला यहां पूजा करने आया उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हो गई। धीरे-धीरे पूरे गांव में यह बात फैल गई कि जो भी भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में पूजा करने जाएगा उसकी जिंदगी खत्म हो जाएगी। तो बस फिर क्या था अपनी जान के खातिर लोग इस मंदिर में पूजा करना तो दूर कोई इसके आसपास से भटकना पसंद नहीं करता।पंजाब केसरी के संवाददाता रविशंकर पाठक की रिपोर्ट के अनुसार लोगों द्वारा ये भी बताया जाता है कि मंदिर के आसपास वर्षों पुराना खज़ाना छिपा हुआ है जिसे पाने के लिए आए दिन लोग यहां खुदाई करने में लगे रहते हैं। आलम यह है कि मंदिर के आसपास की जमीनों में जगह-जगह सुरंगे बन गई हैं। बहराल गांव के कुछ शिक्षित युवा अब इस मंदिर की मरम्मत कराने का प्रयास कर रहे हैं।