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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को UP के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की छठवीं बैठक सम्पन्न

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में आज विधान भवन स्थित कक्ष संख्या 80 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स की छठवीं बैठक हुई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्पोजिट स्कूल के लिए बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित करने हेतु विचार किया जाय। जिले स्तर पर शिक्षाविदो के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विचार-विमर्श करने हेतु विभिन्न विभागों की एक समिति का गठन किया जाये। इस समिति के सदस्य सचिव क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक होगें। बैठक में यह भी विचार किया गया कि बोर्ड परीक्षा वर्ष में केवल एक बार ही हो और विद्यार्थियों को अंक बढोत्तरी के लिए आगामी वर्ष की बोर्ड परीक्षा के साथ पुनः अवसर दिया जाये। उन्होने कहा कि आगामी 21 फरवरी, 2021 को अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस अवसर पर मातृ भाषा से सम्बधित कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए इस दिवस के बारे में जानकारी प्रदान करायी जाये।

डा. शर्मा ने बताया कि आज उच्च शिक्षा विभाग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के मध्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति टास्क फोर्स के सदस्यो की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके तहत उद्योग एवं विश्वविद्यालय देश के सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा। विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा अनुसंधान औद्यौगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होगा। एमओयू होने के उपरान्त छात्रों को वास्तविक जीवन की औद्योगिक समस्याओं पर काम करने का अवसर मिलेगा। छात्रों को इंटर्नशिप के माध्यम से कार्य करने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली अतुल कोठारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हेतु अपने सुझाव दिये। उन्होने कहा कि छात्र एवं छात्राओं को बेसिक शिक्षा बेहतर ढंग से प्रदान की जानी चाहिए और यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि छात्र की रूचि किस क्षेत्र में है उसको उसी क्षेत्र की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए जिससे वह उस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें और अपना विकास कर सकें।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यमिक शिक्षा विभाग में क्रियान्वयन के सम्बध में बताया कि पाठयक्रम में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था आदि सहित अन्य कार्याे की तैयारी किये जाने के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु जो भी आवश्यक तैयारी की जानी है, उस पर कार्यवाही की जा रही है।

टास्क फोर्स की बैठक में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि मानव सम्पदा के जरिये शिक्षकों से सम्बन्धी प्रणाली को सरल किया जा रहा है। वर्ष 2021 से शिक्षकों की सभी वार्षिक प्रविष्टियां ऑनलाईन की जा रही है। पारदर्शी एवं पूर्णतः ऑनलाईन शिक्षक तैनाती नीति बनायी जा रही है। शिक्षकों के मासिक सैलरी ट्रांसफर को भी मानव सम्पदा से लिंक किया जा रहा है।

इस अवसर पर उ.प्र. कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक कुणाल सिल्कू ने बताया कि भारत सरकार द्वारा नेशनल अप्रेंटिशसिप प्रमोशन स्कीम चलाई जा रही है, जिसमें वह सभी सरकारी एवं प्राईवेट इकाईयां जिनमें 30 से अधिक क्रर्मी है, वो अपने मैन पावर संख्या के 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अप्रेटिंस या इन्टर्न रखने के लिए बाध्य है। उन्होने बताया कि अप्रेन्टिस कर्ता को मानदेय का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जायेगा। भुगतान राशि में 1500 रूपयें की क्षतिपूर्ति भारत सरकार करेगी इसी योजना को आगे बढाते हुए 1000 रूपये की अतिरिक्त धनराशि की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा। इन्टर्नशिप की अवधि 06 माह से 03 वर्ष तक की हो सकती है।

बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग तथा व्यवसायिक शिक्षा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दिशा में किए गए प्रयासों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी। बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर कमेटी के सदस्यों द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी दिए गए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अशोक गांगुली, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर निशा पांडे, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद एवं अन्य उपस्थित थे। इसके साथ ही जूम एप के माध्यम से वी पी खंडेलवाल भी बैठक में शामिल हुए।

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