विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने पर चर्चा की। भारत-चीन के रिश्ते को बेहतर करने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के बाद से दोनों देशों के बीच काफी सहमति बनी है। इसके बाद दोनों नेताओं ने सक्रिय बातचीत की है। साथ ही सभी स्तरों पर संबंधों में सुधार की प्रक्रिया को तेज किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को इस मौके पर लाभ उठाना चाहिए।
वांग यी ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे से मिलना चाहिए और अधिक ठोस उपाय तलाशने चाहिए। हमें आपसी संदेह, आपसी अलगाव और आपसी उपभोग के बजाय आपसी समझ, आपसी समर्थन और आपसी उपलब्धि के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
वांग ने कहा कि चीन और भारत के संबंधों में सुधार और विकास दोनों देशों और उनके लोगों के बुनियादी हितों में है। वैश्विक दक्षिण देशों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए अनुकूल है। वांग ने कहा कि भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध एशिया और दुनिया में दो प्राचीन सभ्यताओं की शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए भी अनुकूल हैं।
रविवार को चीन पहुंचने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भी दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं की सहमति को संयुक्त रूप से लागू करने, आदान-प्रदान और संवाद को मजबूत करने, चीन-भारत संबंधों के सुधार, विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया था। मिस्री चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं।