रायबरेली। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने खरीफ मौसम में फसल अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे हैं प्रदूषण की रोकथाम के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशानुसार जनपद स्तर पर एक सेल का गठन तथा तहसील स्तर पर सचल दस्तों का गठन करने हेतु निर्देश दिये गये है। उक्त निर्देशों के क्रम में जनपद स्तर पर सचल दस्ताके का गठन हेतु अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) को अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी व सचिव, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी सदस्यों के रूप में नामित किया गया है। इसी प्रकार तहसील स्तर पर सचल दस्तों का गठन में तहसील सदर में पर्यवेक्षक दस्ता प्रभारी उप जिलाधिकारी सदर, पुलिस विभाग के क्षेत्राधिकारी सदर तथा कृषि विभाग के अधिकारी व अन्य विभाग के उ.स.कृ.प्र.अधिकारी सदर रायबरेली को नामित किया गया है।
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने तहसील स्तर पर गठित सचल दस्तों को निर्देश दिये है कि किसी भी स्थिति में धान की पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ठ न जलाये जाये इस हेतु समस्त लेखपाल एवं ग्राम प्रधानों को सम्मिलित करते हुए एक व्हाट्सप-एप ग्रुप बनाया जाये। इसी ग्रुप पर पराली या कृषि अपशिष्ठ जलाये जाने की सूचना तत्काल सचल दस्ते को सूचना दी जायेगी। पराली या कृषि अपशिष्ठ जलाये जाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग-10 के शासनादेश के द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। तहसील स्तर पर गठित सचल दस्ता का यह दायित्व होगा कि धान कटने के समय लेकर रबी में गेहूँ की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने एवं इसकी रोकथाम के लिए की गयी कार्यवाही की सत्त निगरानी एवं अनुश्रवण करते हुए प्रत्येक कार्य दिवस की सूचना अनिवार्य रूप से जनपद स्तर पर गठित सेल को सम्बन्धित प्रारूप पर देंगे।
इसके उपरान्त भी कृषि अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर सूचना तहसील स्तरप पर गठित सचल को सूचित न करने पर सम्बन्धित लेखपाल उत्तदायी होगे। सहायक विकास अधिकारी (कृषि) व विषय वस्तु विशेषज्ञ एवं उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से इन-सीटू मैनेजमेन्ट हेतु नियमानुसार अनुमन्य कृषि यन्त्रों का प्रचार-प्रसार एवं यन्त्रों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन करने हेतु जनजागरण अभियान के माध्यम से फसल अवशेष न जलाये जाने एवं फसल अवशेष जलाये जाने के दुष्परिणामों से सचेत करते हुए कृषिकों को प्रेरित करेंगे, एवं किसान पाठशाला के माध्यम से भी जनजागरूकता की जाये। जिला कृषि अधिकारी द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं एवं इसकी रोकथाम की रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के माध्यम से जिलाधिकारी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गठित समिति को भेजी जायेगी।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा