राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 8 मार्च की बजाय 4 मार्च को अपना जन्मदिन समारोहपूर्वक मनाएगी। इसके लिए वसुंधरा समर्थकों ने चूरू जिले के सालासर में बड़ी जनसभा का आयोजन करने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया इशारों में वसुंधरा राजे के सीएम फेस का विरोध करते रहे हैं। पूनिया का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी सीएम फेस को लेकर सतीश पूनिया की भाषा बोलते रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री शेखावत का कहना है कि पीए मोदी का चेहरा और कमल के निशान पर चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी में पीएम मोदी से बड़ा चेहरा नहीं है। वसुंधरा राजे इस तरह के बयान के कटाक्ष के तौर पर लेते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि समर्थक वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग करते रहे है।
इस दौरान वसुंधरा राजे और पूनिया की दूरियां भी लगातार बढ़ती रही है। पूनिया अध्यक्ष बनने के बाद भी प्रदेश बीजेपी को एकजुट नहीं कर पाए। पूनिया ने समर्थकों के जरिए अपने आप को सीएम चेहरा दिखाने की कोशिश की, जिसकी वजह से गुटबाजी लगातार बढ़ती गई। यही वजह रही कि पार्टी के अधिकांश कार्यक्रमों में वसुंधरा राजे गैरहाजिर ही रही।
राजनीतिक विश्लेषक वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर होने वाले कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं। सालासर बालाजी धाम में से सियासी हुंकार भरने की अलग-अलग वजह है। चूरू जिला वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की कर्मभूमि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की जन्मभूमि है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा राजे सालासर धाम में जन्मदिन के बहाने अपने विरोधियों के गढ़ में अपनी ताकत दिखाएंगी, ताकि इसका एक सियासी संदेश भी दिया जा सके.