•ब्रेन मंथन सरीखे कार्यक्रमों से छात्रों में नई ऊर्जा का संचार: प्रो दीक्षित
•प्रो एमपी सिंह ने ज्ञान के प्रति अपने समर्पण के महत्व को समझाया
•आधुनिक प्रतिस्पर्धा के युग में स्किल की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो कृष्णिया
•ब्रेन मंथन-3.0 में 505 टीम्स में कुल 1,515 छात्रों ने किया प्रतिभाग
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की ओर से आयोजित ब्रेन मंथन-3.0 में एफओईसीएस के स्टुडेंट्स मोहम्मद सलिक, राजेश नाथ त्यागी, दिव्यांश त्यागी की टीम एस्पायर अव्वल रही। एफओईसीएस के स्टुडेंट्स वैभव जैन, खुशी चौधरी, वैभव सक्सेना की टीम मस्केटीर्स सेकेंड, जबकि बीएबीएड के स्टुडेंट्स शशांक, विशाल जैन, अरविंद कुमार झा की टीम प्रॉक्सी तीसरे स्थान पर रही।
इससे पहले टीएमयू के ऑडी में कॉलेज लॉ एवं लीगल स्टडीज के डीन प्रो डॉ हरबंश दीक्षित ने बतौर मुख्य अतिथि, डीन छात्र कल्याण प्रो एमपी सिंह, पैरामेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो नवनीत सिंह और फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो अनुराग वर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि, सीटीएलडी के निदेशक प्रो आरएन कृष्णिया आदि ने मां सरस्वती के सम़क्ष दीप प्रज्ज्वलित करके के ब्रेन मंथन-3.0 का शुभारम्भ किया।
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ब्रेन मंथन 3.0 में छात्रों में इक्कीसवीं शताब्दी की महत्वपूर्ण स्किल्स जैसे प्रॉब्लम सॉल्विंग, डिसीजन मेकिंग, एनालिटिकल एबिलिटी और क्रिटिकल थिंकिंग जैसी क्षमताओं को विकसित करने के लिए मंथन हुआ। ब्रेन मंथन 3.0 का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सोचने और समस्या समाधान क्षमता को विकसित करने के संग-संग तर्कशक्ति, विश्लेषण क्षमता और महत्वपूर्ण विचार क्षमताओं को मजबूत करना है।
लॉ एवं लीगल स्टडीज के डीन प्रो हरबंश दीक्षित ने कहा, सॉफ्ट स्किल्स और एप्टीट्यूड की दिशा में सीटीएलडी की ओर से समय-समय पर होने वाले इन इवेंट्स के माध्यम से छात्रों में नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने ब्रेन मंथन को एक महत्वपूर्ण मौका बताते हुए छात्रों को मोटीवेट करते हुए कहा, स्टुडेंट्स अपनी तर्कशक्ति और विचारना क्षमता को सुधारें। प्रो दीक्षित ने अपने अनुभवों को साझा करके छात्रों को मार्गदर्शन दिया और उन्हें सिखाया कि वे किस तरह सोच कर समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
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डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो एमपी सिंह ने छात्रों को साक्षरता, सामाजिक सद्भावना, और ज्ञान के प्रति अपने समर्पण के महत्व को समझाया। सीटीएलडी के निदेशक प्रो आरएन कृष्णिया ने अतिथियों और छात्रों का स्वागत करते हुए कहा, आज के आधुनिक तथा प्रतिस्पर्धात्मक समय में हर आर्गेनाइजेशन में एक दूसरे से आगे जाने की होड़ है। इसमें इक्कीसवीं सदी की अत्यंत महत्वपूर्ण स्किल्स एक बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। इन स्किल्स के संचार हेतु ऐसे इवेंट्स का छोटे-छोटे अंतराल पर होना जरूरी है, इसके लिए सीटीएलडी डिपार्टमेंट प्रतिबद्ध है।
ब्रेन मंथन-3.0 में तीन छात्रों की एक टीम मिला कर कुल 505 टीम्स यानी की कुल 1515 छात्रों ने प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। 31 अक्टूबर को पहला राउंड यूनिवर्सिटी के अलग-अलग 11 लेक्चर थियेटर में हुआ, जिसमें लिखित माध्यम से कुल 28 टीम्स को राउंड 2 में ले जाया गया। दूसरा राउंड हुआ 2 नवंबर को हुआ, जिसमें 30 मिनट की समय सीमा के अंदर 28 टीम्स को अपने मन मुताबिक 1, 3 एवं 5 अंकों के प्रश्नों का उत्तर देना था, जिसमे 6 टीम्स का सबसे ज्यादा सही उत्तर देने पर ग्रैंड फिनाले राउंड के लिए चयन हुआ।
अंत में टीएमयू के ऑडिटोरियम में प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें कुल 6 राउंड के माध्यम से अपनी लॉजिकल रीजनिंग, क्रिटिकल थिंकिंग आदि जैसी एबिलिटी का प्रदर्शन किया। ब्रेन मंथन-3.0 में सीटीएलडी की टीम के डिप्टी डायरेक्टर दिलीप वार्ष्णेय, डॉ जैस्मिन स्टीफन, अनंत भारद्वाज, प्रदीप पंवार, चंद्रभूषण सिन्हा, चार्वी खत्री, अलका दयाल, अतुल दयाल, अंकित शर्मा, सागर प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन दीपक कटियार ने किया।