Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…जब तलक टीका न आय जाय, तब तलक सावधानी बरती जाए

आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर चिंतन मुद्रा में बैठे थे। चबूतरे पर कुछ मॉस्क और सेनिटाइजर की शीशी रखी थीं। एक कोने पर बाल्टी में पानी, मग व साबुनदानी भी रखी थी। चबूतरे के आसपास कुछ दूरी पर प्लास्टिक कुर्सियाँ पड़ी थीं। मेरे पहुंचते ही वह बोले- पूरे देश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बढ़ गया है। यह सब जनता की घोर लापरवाही एवं शासन-प्रशासन की बेहद ढिलाई के कारण हो गया है। आखिर लोगों को मॉस्क लगाने और दो गज की दूरी रखने में दिक्कत क्या है? देश को जबरन लॉकडाउन की तरफ धकेला जा रहा है। कोरोना वैक्सीन का अभी अतापता नहीं है।

चतुरी चाचा धाराप्रवाह बोल रहे थे। तभी चकहार से ककुवा व बड़के दद्दा आ गए। दोनों जन हाथ-पैर धोकर कुर्सियों पर विराजमान हो गए। बतकही शुरू होते ही पच्छे टोला से मुंशीजी व कासिम चचा की जोड़ी भी आ गई। ककुवा बोले- चतुरी भाई, यूह अंगौछा कब तलक मुँह पय लपेटैक परी? पूरा सालु तौ बीति गवा। खुली हवा मा सांस नाय लय पाएन। शीशम मुँह देखि कय लागति है कि ‘गौ-हत्यारी’ लागि है। त्योहारन केरे चक्कर मा लोग कोराउन का भूलिन गए। बजारन मा मनई उलझिगा। दुकानन मा अदमी तर-उपर गंजा रहा। वहिका नतीजा यू भवा कि कोराउन विस्फोटक स्थिति मा आइ गवा। अबहीं गनीमत है कि लोग चेति जायँ। सब जने मॉस्क लगायक निकरय। सब लोग आपस मा दुई गज केरि दूरी राखयँ। जब तलक टीका न आय जाय, तब तलक सावधानी बरती जाए।

ककुवा कोरोना से बचने का उपाय बता रहे थे। तभी चंदू बिटिया गुनगुना पानी, मूंगफली-गुड़ की पट्टी और तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गई। हम सबने करारी पट्टी खाकर गर्म पानी पीया। फिर कुल्हड़ वाली चाय के साथ आगे का प्रपंच शुरू हो गया। बड़के दद्दा ने कहा- ककुवा की बात में दम है। जनता खुद ही लॉकडाउन जैसी बर्बादी की तरफ अग्रसर है। सरकार के निर्देशों का बहुत कम लोग पालन कर रहे हैं। इसी वजह से कोरोना महामारी का संक्रमण कम होने के बाद फिर से बढ़ने लगा है। यही रफ्तार रही तो सरकार को फिर से लॉकडाउन करना पड़ेगा। इससे देश की अर्थ व्यवस्था बिल्कुल चरमरा जाएगी।

मुंशीजी विषय परिवर्तन करते हुए बोले- इस हफ्ते हुई बारिश से खेती को बड़ा लाभ हुआ। गेहूं, जौ, मटर, सरसों आदि की बुवाई का मौसम बढ़िया बन गया है। लेकिन, अब ठंडक बढ़ गयी है। सुबह-शाम की ठंड से बचकर रहना चाहिए। साथ ही, हम लोगों को चाहिए कि निर्धन परिवारों को अपने सूती-ऊनी कपड़े और कम्बल आदि दान करें। कासिम चचा ने मुंशीजी की इस बात का समर्थन करते हुए कहा- हम लोग अपने घरों में पुराने ऊनी कपड़े एकत्र कर लें। फिर अपने मोहल्ले में सब घरों से भी पुराने सूती-ऊनी कपड़े मांग लें। सारे कपड़े धुलवाने के बाद आसपास के गांवों में जाकर गरीबों को वितरित किया जाए। कासिम चचा के इस प्रस्ताव का हम सबने समर्थन किया।

चतुरी चाचा ने मुझसे कहा- रिपोर्टर, कल तो तुम्हारा जन्मदिन है। क्यों न आज ही हम लोग मना लें। इस पर सभी प्रपंची एकमत हो गए। सबने मुझे जन्मदिन की बधाई दी। वन्या बिटिया रवा का केक लेकर चबूतरे पर आ गई। हमने केक काटा और सबको खिलाया। चतुरी चाचा और ककुवा ने मुझे पांच-पांच सौ रुपये के साथ अपना आशीर्वाद दिया।

अंत में मैंने सबको कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व के अनेक देशों में कोरोना महामारी के संक्रमण दूसरी लहर आ गई है। मरीज और मौत के आंकड़े दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कई देशों में फिर से लॉकडाउन होने लगा है। भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर उठ गई है। कोरोना मरीजों के मामले में भारत अब दूसरे स्थान पर है। विश्व में अबतक पौने छह करोड़ लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं।

वहीं, अबतक करीब 14 लाख लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। अपने देश की बात करें तो अबतक करीब 91 लाख लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। जबकि एक लाख 32 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी के साथ आज की बतकही समाप्त हो गयी। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाले प्रपंच के साथ हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

About Samar Saleel

Check Also

इस आसान विधि से घर पर ही तैयार करें गुड़ की चिक्की

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों ने अपने खानपान से लेकर ...