मध्य प्रदेश के इंदौर में एकाक्षी नारियल वाले यानी श्रीफल Ganesh Ji गणेशजी का अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर हर कोई भक्त उन्हें देख चौंक जाता है।
एकाक्षी नारियल वाले Ganesh Ji
दरअसल यह Ganesh Ji की प्रतिमा एक नारियल से उभरी हुई है, जिसमें स्वयंभू प्रभु ने एकदंत मस्तक, मुकुट, नेत्र, कान, गर्दन, सूंड, मुंह, जिव्हा ने मूर्त रूप लिया। इंदौर के जूनि इंदौर में शनिमंदिर मेन रोड पर विराजमान श्रीफल सिद्धि विनायक स्वयंभू रूप में दर्शन देते हैं।
पंडित डॉ. महेंद्र व्यास का दावा है कि श्रीफल गणेश जी का यह मंदिर विश्व का पहला श्रीफल गणेश मंदिर है। यहां देश विदेश से भक्त भगवान की आराधना करने आते हैं। उन्होंने बताया कि चमत्कारी एकाक्षी श्रीफल गणेशजी जूनि इंदौर के व्यास परिवार में करीब 30 वर्ष पहले प्रकट हुए थे, जिनकी स्थापना धर्म मार्तण्ड आचार्य पं. मुरलीधरजी व्यास गुरुदेव के घर 18 सितंबर 1985 बुधवार गणेश चतुर्थी को स्वयंभू चमत्कारी श्री श्रीफल गणेश जी ने स्वयं बोलकर श्रीफल गणेश के रुप का प्रत्यक्ष दर्शन करवाया था। उसी दिन ठीक 12 बजे स्थापित कर पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी गई। श्रीफल वाले गणेश जी की प्रसिद्धि आज अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, नीदरलैंड, दुबई आदि देशों तक हैं।
श्री गुरुदेव की इच्छानुसार यहां विश्व प्रसिद्ध भव्य मंदिर
भगवान श्रीफल गणेश जी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर निर्माण करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए काम शुरु किया जाना है। डॉ. व्यास ने बताया कि आचार्य श्री गुरुदेव की इच्छानुसार यहां विश्व प्रसिद्ध भव्य मंदिर का निर्माण होगा। यह मंदिर अपने आप में आलौकिक एवं मनोहारी व दिव्यानुभूती का केंद्र होगा। श्री प्रभु की चमत्कारी कृपा प्रसाद अधिक से अधिक भक्तों को मिले इसलिए इसका अधिक प्रचार किया जा रहा है। प्रसिद्ध भजन गायक अनुप जलोटा द्वारा श्रीफल गणेशजी की महिमा के गीत गाए गये हैं।
21 वर्षों में स्वयंभू प्रभु ने साधारण नारियल से
साधारण नारियल से भगवान गणेश ने श्रीफल गणेश का रुप धारण किया। गणेश चतुर्थी की स्थापना दिवस से श्री प्रभु ने अपने स्वरुप का चमत्कार दिखाना शुरु कर किया। एक-एक दिन विकास करते हुए पूरे 21 वर्षों में भी स्वयंभू प्रभु ने एकदंत मस्तक, मुकुट, नेत्र, कान, गर्दन, सूंड, मुंह, जिव्हा ने मूर्त रुप लिया। तब तक इस नारियल में जल भरा रहा, जबकि साधारण नारियल में अधिकतम 6 से 12 माह में पानी सूखकर गोला हो जाता है या सड़ जाता है। लेकिन चमत्कारी गणेशजी की महिमा थी, जिससे ऐसा नहीं हुआ और भगवान ने आकार लिया।