टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाजी और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली जिला एवं राज्य क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अहम पद से इस्तीफा दे दिया है। गौतम गंभीर डीडीसीए के नामित निदेशक (डायरेक्टर) पद पर तैनात थे, लेकिन अब उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
गौतम गंभीर के इस्तीफे की वजह उनका डीडीसीए से काफी समय से चल रही नाराजगी बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंभीर के एक करीबी ने बताया है कि वो (गंभीर) दिल्ली के खिलाडि़यों के लिए बहुत कुछ सोचते थे, लेकिन डीडीसीए में कुछ ऐसे फैसले लिए जिनसे उनका मन खराब हो गया। यही नहीं उन्होंने खिलाडि़यों की बेहतरी के लिए कई सिफारिशें की जिसमें से ज्यादातर को डीसीसीए ने दरकिनार कर दिया। इसके अलावा बीजेपी सांसद बन जाना भी उनके इस्तीफे की वजह है, क्योंकि सांसद बनने के बाद उनपर ज्यादा जिम्मेदारियां आ गई हैं।
इसके साथ ही गौतम गंभीर के करीबी ने कहा कि यह भारतीय क्रिकेटर दिल्ली के खिलाडि़यों के लिए सोचता था और बहुत कुछ करना चाहता था लेकिन डीडीसीए में कुछ ऐसे फैसले लिए जिनसे उनका मन खराब हो गया। यही नहीं उन्होंने खिलाडि़यों की बेहतरी के लिए कई सिफारिशें की जिसमें से अधिकतर को दरकिनार कर दिया गया। इसके अलावा सांसद बनने के बाद उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई तो उन्होंने सोचा कि जब डीडीसीए में उनके मन का नहीं हो रहा है तो यहां से हटना ही बेहतर होगा।
डीडीसीए का चुनाव जीतने के बाद सचिव विनोद तिहारा ने कहा था कि राज्य संघ में क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर फैसला गौतम गंभीर करेंगे। डीडीसीए के संविधान के अनुसार यहां सरकार की तरफ से तीन निदेशक नियुक्त होते हैं जिसमें से एक दिल्ली के पूर्व कप्तान गंभीर थे।