रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने की व्यापक कार्ययोजना का क्रियान्वयन कर रहे है। इसमें निवेश, औद्योगिक विकास, कनेक्टिविटी, पर्यटन, एक जिला एक उत्पाद आदि अनेक योजनाएं शामिल है। इन सभी में पिछले तीन वर्षों के दौरान उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार विकसित प्रदेश के एजेंडे के अनुरूप तेजी से कार्य कर रही है।विकास के इस क्रम में केंद्र सरकार ने बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में नये अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है।
योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट के प्रति आभार प्रकट किया है।योगी सरकार के कार्यकाल में केन्द्रीय कैबिनेट ने प्रदेश में दूसरे अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के प्रति सहमति दी है। इसके जेवर में दशकों से लम्बित अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की मंजूरी दी गयी थी। योगी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के विकास में इस अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं भी बढ़ेंगी। पर्यटन की दृष्टि से कुशीनगर की केन्द्रीय स्थिति है।
लुम्बिनी और बौद्ध सर्किट से जुड़े स्थल कपिलवस्तु,सारनाथ, बोधगया,श्रावस्ती आदि कुशीनगर के समीप हैं। कौशाम्बी, संकिसा भी प्रदेश में हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा था। जिसे केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति दी गयी। यह परियोजना विश्व की सौ सबसे अच्छी परियोजनाओं में सम्मिलित है। कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का प्रकरण कई वर्षाें से लम्बित है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पांच सौ नब्बे एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। लगभग एक सौ नब्बे करोड़ रुपये की लागत से इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य चल रहा है। दक्षिण पूर्व एशिया के बौद्ध देश थाईलैण्ड सिंगापुर,लाओस कम्बोडिया,जापान कोरिया,श्रीलंका भी इस एयरपोर्ट से जुड़ेंगे। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।