वाडिया ग्रुप की लो-कॉस्ट एयरलाइन गो एयर ने खुद को गो फर्स्ट के रूप में रिब्रांड किया है। 15 साल पुरानी एयरलाइन अल्ट्रा लो कॉस्ट बिजनेस पर फोकस करने के चलते ये फैसला लिया है। बता दें कि कोरोना महामारी से एविएशन इंडस्ट्री जूझ रही है। इसका असर गो एयर पर भी पड़ा है। इससे उबरने के लिए यह अब लो कॉस्ट बिजनेस मॉडल पर फोकस करेगी।
दरअसल गो एयर ULCC पर फोकस कर रही है, जिस वजह इसने ये निर्णय लिया है। 13 मई को एयरलाइन ने औपचारिक रूप से एक बयान में कहा कि वह खुद को गो फर्स्ट के रूप में रीब्रांड कर रही है। बता दें कि एयरलाइन ने 2005 में परिचालन शुरू किया और उसके बेड़े में सिर्फ 50 से अधिक विमान हैं, यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी इंडिगो के रूप में जो एक साल बाद शुरू हुआ, आकार में 5 गुना से अधिक है।
बता दें कि गोएयर पब्लिक इश्यू के जरिये प्राइमरी मार्केट से फंड्स जुटाने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक, GoAir 2500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए IPO लॉन्च करेगी। सूत्रों ने बताया कि यह IPO सितंबर, 2021 तक लॉन्च हो सकता है, जिसके बाद इसे आप सब्सक्राइब कर पाएंगे।
इस IPO के लिए कंपनी अप्रैल 2021 के सेकेंड वीक में मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस फाइल कर करने की तैयारी में थी। एयरलाइन फिर से एक आईपीओ के लिए फाइल करने की योजना बना रही है रिपोर्ट के मुताबिक, इस IPO के जरिये जुटाये गए फंड का इस्तेमाल कंपनी अपने कर्ज को चुकाने और वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में करेगी। आपको बता दें कि मार्च, 2020 तक कंपनी पर 1780 करोड़ रुपये का कर्ज था।