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RMLAU में Golden Jubilee Foundation Ceremony: विधि व्यवसाय में Moot Court सफलता की नींवः Surya Narayan Singh

अयोध्या,(जय प्रकाश सिंह) । डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University) के स्वर्ण जयंती स्थापना समारोह के उपलक्ष्य में कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल (VC Pro Pratibha Goyal) के निर्देशक्रम में विधि संकाय एवं कामता प्रसाद सुंदरलाल साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय अयोध्या के विधि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विधिक शिक्षा के उन्नयन में मूट कोर्ट ( Moot Court) की भूमिका विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जिला बार एसोसिएशन, अयोध्या के अध्यक्ष सूर्य नारायण सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि संकायाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार राय ने की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधि संकायाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार राय ने कहा कि मूट कोर्ट विधि छात्रों के लिए न्यायिक प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ विकसित करने का एक प्रभावी माध्यम है। यह उनके शोध कौशल, तार्किक क्षमता और वकालत के गुणों को निखारता है, जिससे वे वास्तविक न्यायिक चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें। उन्होंने कहा कि भारतीय विधिज्ञ परिषद ने वर्ष 2008 में विधि महाविद्यालयों में अनिवार्य किया जिससे विधि स्नातक के विद्यार्थियों की व्यावहारिक समझ का उन्नयन सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सूर्य नारायण सिंह ने कहा कि मूट कोर्ट विधि व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने की नींव रखता है। यह विधि छात्रों को न्यायालयीन प्रक्रिया, तर्क-वितर्क कौशल और प्रभावी कानूनी लेखन की बारीकियों से परिचित कराता है।
विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए गिरीश चन्द्र तिवारी ने कहा कि विधिक शिक्षा केवल पुस्तक ज्ञान तक सीमित नहीं हो सकती। एक सफल अधिवक्ता बनने के लिए मूट कोर्ट जैसी व्यावहारिक गतिविधियों में भाग लेना आवश्यक है। इससे छात्रों में आत्मविश्वास और न्यायिक तर्कशक्ति का विकास होता है।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अजय कुमार सिंह ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त हुए कहा कि मूट कोर्ट का अभ्यास छात्रों को विधि की गहरी समझ प्रदान करता है। यह उन्हें निर्णय विधि के अध्ययन, न्यायिक विमर्श और तर्कसंगत निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया में दक्ष बनाता है, जिससे वे भविष्य में एक सफल विधिवेत्ता बन सकें।उन्होंने बताया कि मूटकोर्ट केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक अनुभव है जो विधि छात्रों को न्याय के लिए तैयार करता है।

कार्यक्रम के दौरान विधि संकाय के छात्र-छात्राओं ने मूट कोर्ट की प्रक्रिया एवं उसके प्रभावों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए जिनका वक्ताओं द्वारा विस्तार से समाधान प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ सन्तोष पाण्डेय, डॉ विवेक सिंह, डॉ वन्दना गुप्ता, दिलीप शुक्ला सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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