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सरकारी सर्कुलर का आग्रह: 14 फ़रवरी को “काऊ हग डे या गऊ आलिंगन दिवस” मनाएं लोग

लखनऊ। इस समय बसंत का मौसम और वेलेंटाइन वीक एक साथ चल रहा है। लोगों का प्यार उमड़-उमड़ कर बाहर आ रहा है। प्यार के मामले में क्या सरकारी बाबू और क्या आम इंसान सब एक जैसे होते हैं। प्यार तो जानवर भी करते हैं भले ही वे जता न पाएं।

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प्रेम के इस सप्ताह में एक खास दिन प्रेम के लिए भी निर्धारित किया गया है। प्रेम के इस दिन को उत्साह पूर्वक मनाने के लिए “एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया” ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि 14 फरवरी, वेलेंटाइन डे के दिन *‘काऊ हग-डे या गऊ आलिंगन दिवस”* के रुप में मनाया जाए।

काऊ हग डे या गऊ आलिंगन दिवस

बताते चलें सरकार चाहती है कि लोग इस बार वैलेंटाइंस डे वाले दिन 14 फ़रवरी को काऊ हग डे मनाएँ। यानी अगर प्रेमिका, पत्नी, दोस्त, बहन-भाई, माता-पिता का आलिंगन करने की बजाय गाय का आलिंगन करें। जारी सर्कुलर के अनुसार बोर्ड का कहना है कि गाय भारत की सभ्यता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जिसे कामधेनु और गौमाता के रुप में भी जाना जाता है। यह उस मां के समान है जो अपने बच्चों पर सबकुछ लुटा देती है।

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बताते चलें कि कुछ लोगों को लग रहा है कि विदेशी सभ्यता के बढ़ते प्रभाव के कारण भारतीय संस्कृति खतरे में है। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध में हमने अपनी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है। इससे एक कदम आगे बढ़ कर उत्तर प्रदेश की सामाजिक संस्था लोक परमार्थ सेवा समिति एक लंबे अरसे से गाय को “राज्यमाता” का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है।

काऊ हग डे या गऊ आलिंगन दिवस

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के सर्कुलर के अनुसार गाय के अत्यधिक लाभों को देखते हुए, उसको गले लगाने से भावनात्मक संपन्नता आएगी, जिससे व्यक्तिगत और सामूहिक खुशियों में वृद्धि होगी। गाय के महत्व को ध्यान में रखते हुए गाय प्रेमी 14 फरवरी को काऊ हग डे के रुप में मना सकते हैं, जिससे उनके जीवन सकारात्मक ऊर्जा आएगी और खुशियां बढ़ेंगी।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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