लखनऊ। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश के कई जनपदों में बाढ ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे गांव के गांव उजड़ गये है तथा किसानों की लहलहाती फसल बाढ़ की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गयी है। उन्होंने कहा कि यूपी के कई जिलों में बाढ का कहर देखने को मिल रहा है, गंगा यमुना के अलावा कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
प्रयागराज में गंगा और यमुना खतरे के निशान से तकरीबन एक मीटर ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा कई नदियां भी अपना दायरा तोड़कर सड़कों रास्तों, गावों व खेतों में तबाही मचा रही है। लेकिन सरकार सिर्फ हवा हवाई बाते करके भोली भाली जनता को गुमराह कर रही है।
डाॅ. अहमद ने कहा कि चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वराणसी, भदोही, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर सहित कई जनपद बाढ़ की चपेट में हैं। इसके अलावा कानपुर व वांदा जैसे कई जिलों में भी बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ प्रभावित जिलों में बर्बादी का मंजर छाया हुआ है लेकिन स्थानीय प्रशासन सिर्फ बाढ से निपटने का खोखला दावा कर रहा है, धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की कर्मभूमि पूर्वांचल है और उन्हें वहां की भौगोलिक स्थिति का अच्छा ज्ञान है, परन्तु फिर भी समय रहते आपदा प्रबन्धन की ओर ध्यान नहीं दिया गया। प्रतिवर्ष बाढ़ के द्वारा पूर्वांचल में अपार धन जन की हानि होती है। अनेको गम्भीर बीमारियां लोगो को काल का ग्रास बना लेती हैं।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने मांग करते हुये कहा कि बाढ़ से हुये नुकसान का सर्वे कराकर बाढ़ पीडि़तों को उचित मुआवजा दिये जाने के साथ साथ बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किये जाये जिससे लोग राहत की सांस ले सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ त्रासदी के बाद उत्पन्न होने वाली भयंकर बीमारियों से निपटने के लिए सरकार कमर कस ले, नहीं तो कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियां भी प्रदेश को अपनी चपेट में ले लेगी।