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लखनऊ विश्वविद्यालय : National Seminar में बोले केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री – विकसित भारत की संकल्पना से कार्य कर रही है सरकार

लखनऊ। विकसित भारत (Developed India) की संकल्पना, आर्थिक विकास(Economic development), सामाजिक कल्याण (social welfare), बुनियादी ढांचा (Infrastructure), डिजिटल क्रांति (Digital Revolution) और पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability) पर सम्यक रूप से कार्य करने से साकार होगा। यह संतुलन सरकार और कॉर्पोरेट जगत (Corporate World) को मिलकर साधना होगा। कॉर्पोरेट जगत सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से देश के बहुमुखी विकास में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। सार्वजनिक-निजी साझेदारी के साथ सरकार कार्य कर रही है, जिससे देश विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में अग्रसर हो सके। सरकार ने कर प्रणाली में सुधार करके व्यापार को आसान बनाया है। हमें आत्मनिर्भर विकसित भारत की संकल्पना साकार करना है।

उक्त बातें अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा एपी सेन हॉल में आयोजित नेशनल सेमीनार ‘कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स फार विज़न विकसित भारत @2047’ के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कही। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री संकल्पबद्ध है 2047 तक देश को एक विकसित, आत्मनिर्भर और वैश्विक नेतृत्व करने वाला देश बनाने के लिए। पंकज चौधरी ने कहा कि विकसित राष्ट्र के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर जीवनशैली जैसी मूलभूत जरूरतों पर सरकार का फोकस है।

पंकज चौधरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नीति आयोग ने 2030 तक का समय निर्धारित किया है। इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत तथा प्रधानमंत्री जन धन योजना जैसे कई कार्यक्रमों के माध्यम से हम लगातार आर्थिक समावेशन और मानव विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पीएम किसान सम्मान निधि से हमारे देश के किसानों की आय को बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखकर हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, जिससे 50 करोड़ से अधिक लोग सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। नए और छोटे उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब 20 लाख तक के लोन को कोलैटरल फ़्री कर दिया गया है। इस बार के बजट में भी सरकार आत्मनिर्भर, समावेशी और सतत विकसित भारत कि प्रतिबद्धता है। बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों एवं महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह बजट कृषि, MSME, निवेश और निर्यात जैसे चार प्रमुख ग्रोथ इंजन पर केंद्रित है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। MSME क्षेत्र के लिए सूक्ष्म उद्यम क्रेडिट कार्ड योजना लाई गई है । उभरते उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को 10,000 करोड़ रुपये व्यवस्था है। बुनियादी ढाँचे के विकास और कुशल कनेक्टिविटी के माध्यम से नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार अर्थव्यवस्था को डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलने का लगातार प्रयास कर रही हैं।

पंकज चौधरी ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के UPI क्रांति की चर्चा है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। विकसित भारत परमाणु ऊर्जा मिशन जैसी पहलें देश में वैज्ञानिक प्रोत्साहन एवं तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दे रही है। भारत ट्रेड नेट (BTN) के रूप में एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है । इस बार का बजट समावेशी विकास, गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ विकसित भारत के लिये एक मजबूत आधार तैयार करेगा। इस नेशनल सेमिनार के विचार मंथन के उपरांत जो अमृत रूपी निष्कर्ष निकलेगा उसकी सिफारिशें हमें और हमारी सरकार के सम्बंधित मंत्रालयों को भेजिए। हम इसे अवश्य ही लागू करेंगे।

सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने कहा कि कंपनियाँ राष्ट्र की प्रगति में प्रमुख हितधारक हैं। सतत विकास की परियोजनाओं के संचालन में कॉर्पोरेट जगत से सहयोग की आकांक्षा है। विश्वविद्यालय विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए यह दो दिवसीय बौद्धिक, विचार- विमर्श कर विकसित भारत के लिए एक ब्ल्यूप्रिंट प्रस्तुत कर रहा है। यह विचार-विमर्श नीति निर्धारण में तो सहायक होगे ही, साथ ही साथ प्रधानमंत्री जी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को मजबूती प्रदान करेंगे।

विशिष्ट अतिथि कला संकायाध्यक्ष प्रो अरविन्द मोहन ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना को आकार देने की अपनी प्रतिबद्धता और संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए ही यह सेमिनार अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित है । हम सब मिलकर 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने की संकल्पना को साकार करने अपने दायित्वों का निर्वहन करें । सबके साथ -सबके विकास के लिए सबके प्रयास की जरूरत है।

सेमीनार के प्लेनरी -एक्सपर्ट सेशन में इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर देवेन्द्र अवस्थी ने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करते हुए देश को 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का यह मंच है। आईसीआईसीआई बैंक के जोनल हेड सैफ काजमी, रुद्रा शेयर एवं स्टाक ब्रोकिंग के डायरेक्टर सिद्धार्थ बंसल, ओक्फोर्ड ग्रुप मध्य प्रदेश के समूह निदेशक प्रो पुनीत द्विवेदी, रामजस कालेज नई दिल्ली के प्रो सुमनजीत सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रो राकेश द्विवेदी, छात्र अधिष्ठाता वीके शर्मा, डीन शोध एमएम वर्मा, डीन प्रवेश प्रो पंकज माथुर, चीफ प्रोवोस्ट प्रो अनूप कुमार सिंह, प्रो मंजुला उपाध्याय, प्रो मनोज शर्मा, प्रो अनित्य गौरव, प्रो ओमकार नाथ उपाध्याय, डॉ पारुल जैन, प्रो रोली मिश्रा, प्रो अशोक कुमार कैथल, प्रो मधुरिमा लाल, प्रो शीतल शर्मा, प्रो संगीता साहू, इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन की जोनल सेक्रेटरी प्रो भारती पांडेय, उत्तराखंड कि प्रो हेमलता एव प्रो रविन्द्र सैनी, इंजीनयर ए पी सिंह, प्रो अलका सिंह, डॉ कविता बालियान ने भी अपने विचार रखे। सेमीनार में 107 शोध पत्र शोध विद्यर्थियों एवं शिक्षाविदों द्वारा पढ़ें गए।

सेमिनार में प्रमुख रूप से डॉ अल्पना लाल, डॉ शशिलता सिंह, डॉ प्रीती सिंह, डॉ कामना सेन गुप्ता, डॉ दिनेश यादव, डॉ सुचित्रा प्रसाद, प्रो ब्रजेन्द्र पाण्डेय, डॉ शिवेंद्र सिंह सहित देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षाविद, नीति निर्माता, सरकारी – गैरसरकारी संगठनो के प्रतिनिधि एवं शोध छात्र – छात्राएं हाइब्रिड मोड में समम्लित होकर अपने विचार विकसित भारत के लिए प्रदान किये। यह सेमीनार भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा वित्तपोषित है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सेमिनार की स्मारिका जिसमें 258 शोधपत्रों का शोध सार समाहित था एवं अर्थशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रो एमके अग्रवाल की पुस्तक इंडियन इकोनोमी का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। सेमीनार की संयोजिका डॉ शची राय प्रस्तावना रखी एवं सेमीनार का संचालन अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह ने किया। अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो विनोद सिंह ने सभी आगत अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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