वाराणसी। सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब अभिभावक की ज़िम्मेदारी में भी दिखेंगे। सरकार कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को गोद लेगी। योगी सरकार ने उनकी परवरिश का बीड़ा उठाया है। ऐसे बच्चों की बड़े पैमानें पर सूची बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। वाराणसी में अभी 53 ऐसे बच्चें मिले है। जिनके माँ या पिता की मौत कोरोना के कारण हो गई है। सरकार ऐसे बच्चों के मदद के लिए भी आगे आई है। सरकार कोविड से प्रभावित व परेशान परिवार के रोज़ाना की जरूरतों व चिकित्सीय व्यवस्था का भी प्रबंध करेगी।
“घबराने की नहीं है बात सरकार खड़ी है साथ ” महिला एवम बाल विकास विभाग ने सरकार के इस कथन के साथ कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद शुरू कर दी है। योगी सरकार ने उन परिवारों के लिए भी मदद का हाथ बढ़ाया है, जिनके माता -पिता कोविड पॉजिटिव के चलते अस्पताल में है ,और घर में बच्चे अकेले है। कोविड के कारण यदि कोई परिवार अपने बाच्चों की देखभाल करने में असमर्थ है, तो सरकार उनकी भी मदद करेगी। सरकार ने निःशुल्क भोजन, दवायें, चिकित्सा, भावनात्मक सहयोग और उनके रोज़ की जरुरतों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है।
सरकार लोगों से अपील भी कर रही है कि, यदि आप किसी ऐसे बच्चों को जानते है ,जिसने अपने माता पिता को कोविड कारण खो दिया है। तो इसकी सूचाना स्थानीय प्रशासन को दे। और हेल्प लाइन 1098 ,181 पर भी इसकी सूचना दे सकते है। अनाथ बच्चों को कोई गैर क़ानूनी तरीके से अपने पास न रखे, और ग़ैरकानूनी एडॉप्शन को रोकने के लिए तथा ऐसे बच्चों का किसी भी प्रकार का शोषण न होने पाए, इसके लिए भी सरकार ने रणनीति बनाई है। सरकार इसके रोक थाम के लिए प्रचार प्रसार कर रही है। गॉव से लेकर शहर तक होल्डिंग समेत कई माध्यमों का इस्तमाल कर रही है। जिससे लोगों को जागरुक किया जा सके।
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी में बहुत तेज़ी से ऐसे बच्चों की सूची बनाने का काम चल रहा है ,जो कोरोना में अपने माँ -बापो खो दिए है। उन्होंने बताया कि अभी तक 53 ऐसे बच्चे मिले है ,जिन्होंने अपने माँ या बाप को कोरोना में खो दिया है। इसमें हर उम्र के लड़के व लड़कियां हैं। सरकार संवेंदनशीलता दिखाते हुए ऐसे परिवारों के मदद के लिए भी हाथ बढ़ाई है। जिनके सर से माता -पिता या किसी एक का साया उठा है। सरकार ऐसे परिवार के लोगों के मानसिक स्वास्थ का भी ख्याल रखेगी। ऐसे परीवार या बच्चों की काउंसलिंग भी कराई जाएगी जिससे वे अवसाद ग्रस्त न होने पाए। सरकार की तरफ से राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजन के अंतर्गत भी ऐसे परिवारों की मदद की जा रही है। इसके लिए जन सेवा केंद्र उनकी मदद में लगा है।