लॉटरी बिजनेस को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार लॉटरी पर एक मार्च से 28 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) चुकाना होगा। इस संबंधी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राजस्व विभाग ने अधिसूचना में कहा, यह अधिसूचना एक मार्च 2020 से अमल में आ जाएगी।
बता दें कि जीएसटी परिषद ने पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकारों द्वारा चलाये जा रहे तथा मान्यता प्राप्त लॉटरी पर 28 फीसदी की एक समान दर से जीएसटी लगाने का निर्णय लिया था। राजस्व विभाग ने लॉटरी की आपूर्ति पर जीएसटी दर की अधिसूचना जारी की और पहले की केंद्रीय कर (दर) अधिसूचना में संशोधन किया।
इसके अनुसार, लॉटरी की आपूर्ति पर केंद्रीय कर की दर 14 प्रतिशत हो गई है और राज्य सरकारें भी समान दर से कर वसूलेंगी। अत: लॉटरी पर लगने वाला कुल जीएसटी 28 प्रतिशत हो गया है। अभी राज्यों द्वारा संचालित लॉटरी पर 12 प्रतिशत और मान्यता प्राप्त लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। ऐसी मांगें उठ रही थीं कि लॉटरी पर एक समान दर से कर लगना चाहिये, जिसके बाद सुझाव देने के लिये मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया था। इसके बाद जीएसटी परिषद ने दिसंबर में लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से एक समान कर लगाने के पक्ष में वोट दिया।
जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में टैक्सपेयर्स के लिए नया जीएसटी रिटर्न सिस्टम पेश करने पर निर्णय हुआ था। नया सिस्टम एक अप्रैल से लागू होगा. इससे जीएसटी रिटर्न भरने में आसानी होगी। नई व्यवस्था के तहत दो नये फॉर्म पेश किए गए हैं।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने स्पष्ट किया अब जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज की गणना नेट देनदारियों के आधार पर की जाएगी। इसके लिए जीएसटी कानूनों में संशोधन किए गए हैं।