गेहूं की कीमतों में तेजी पर लगाम लगाने और आटे के दाम को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में कई प्रयास किए हैं. इन्हीं में से एक के बारे में आज केंद्र सरकार ने जानकारी भी दी है.
सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना या ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत 13 ई-नीलामी में 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है. इससे गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को कम करने में मदद मिली है. 18.09 लाख टन गेहूं की ये ई-नीलामी थोक ग्राहकों को केंद्रीय पूल से की गई है.
कब किया था सरकार ने खुले बाजार में गेहूं और चावल बेचने का एलान
केंद्र सरकार ने नौ अगस्त को ऐलान किया था कि वह थोक ग्राहकों को ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल बेचेगी. साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल के रिजर्व प्राइस पर बेचा जा रहा है, जो मौजूदा एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस के बराबर है. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, 21 सितंबर तक कुल 13 ई-नीलामी आयोजित की गई जिसमें स्कीम के तहत 18.09 लाख टन गेहूं बेचा गया है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश भर में 480 से अधिक डिपो से हर हफ्ते होने वाली साप्ताहिक नीलामी में दो लाख टन गेहूं की पेशकश की जा रही है.
खाद्य मंत्रालय ने और क्या कहा
खाद्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक ओएमएसएस नीति को सफल तरीके से लागू करने के जरिए ये पता चला कि खुले बाजार में गेहूं की कीमतें काबू में रही हैं.
साथ ही खाद्य मंत्रालय के मुताबिक 2023-24 की बाकी बची अवधि के लिए ओएमएसएस पॉलिसी को जारी रखने के लिए सेंट्रल पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार है.
खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने कहा कि हरेक साप्ताहिक ई-नीलामी में बेची गई मात्रा, प्रस्तावित मात्रा के 90 फीसदी से ज्यादा पर नहीं गई जो इस बात दिखाती है कि देश भर में गेहूं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है.
बयान के मुताबिक गेहूं के वेटेज औसत बिक्री मूल्य में गिरावट के रुख से पता चलता है कि खुले बाजार में गेहूं की बाजार कीमतें नरम पड़ी हैं.
मंत्रालय ने कहा कि ई-ऑक्शन गेहूं का वेटेज औसत बिक्री मूल्य अगस्त में 2254.71 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 20 सितंबर को घटकर 2,163.47 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.