प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ग्रेडिंग कराने के प्रयास और मजबूत हुए – आनंदीबेन पटेल
लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के ओएनजीसी भवन में नवस्थापित ‘उपक्रम‘ (उत्तर प्रदेश कैडर फॉर रैंकिंग एक्रीडेशन मेंटरशिप) तथा केन्द्र पर आयोजित “विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयोेें का निर्माण” विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ‘उपक्रम’ की स्थापना से प्रदेश के उच्चशिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ग्रेडिंग कराने को प्रयासों को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि ‘उपक्रम’ स्थापना हेतु किए गए एमओयू को लगभग ढाई माह हो गया है। इसी बीच विश्व विद्यालयों द्वारा इस दिशा में किए गए कार्य और आगामी कार्य-प्रणाली पर इस कार्यशाला में विचार विनिमय होगा।
चर्चा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस सेंटर पर विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को देश एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखकर कार्य हो। उन्होंने कहा कि विश्वस्तर पर जो भी नवीनताएं शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित हो रही हैं, वे सब उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी लागू कराकर यहाँ के विद्यार्थियों को भी उससे लाभान्वित किया जाए, जिससे विश्वस्तरीय शिक्षा का लाभ प्राप्त कर छात्र देश के विकास में रचनात्मक योगदान दें। राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में आपसी साझेदारी की कमी को लक्षित किया और इसकी आवश्यकता पर जोर दिया। इस संदर्भ में उन्होंने अविनाशलिंगम इंस्टीट्यूट, कोयम्बटूर के कुलपति प्रो. एसपी त्यागराजन द्वारा विविध विश्वविद्यालयों के सहयोग और साझा प्रवृतियों से कार्य-सम्पादन शैली को अनुकरणीय बताया।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों में लागू पाठ्यक्रमों के नवीनीकरण में नए विषयों को शामिल करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व तय करने वाले विषयों को भी नए पाठ्यक्रम में शामिल करें। इस संदर्भ में उन्होंने अंगदान की आवश्यकता, कृषि कार्यों को सरल करने की तकनीकों के विकास तथा अन्य नवीन तकनीक को सामान्य शिक्षा के विषयों में जोड़ने पर ध्यान देने को कहा।उन्होंने आज की कार्यशाला में भी इस तथ्य पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय अपने कैम्पस के बाहर जाकर सामाजिक जीवन से शिक्षा को सम्बद्ध करें, विद्यार्थियों को सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति भी जागरूक करें।
बता दें कि 27 जुलाई, 2022 को राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा प्रदेश मंत्रीमंडल के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट रैंकिंग के सम्बन्ध में “उपक्रम” नाम से राजधानी लखनऊ में विशिष्ट केन्द्र की स्थापना हेतु एनआईडी फाउण्डेशन और उच्च शिक्षा विभाग के बीच एमओयूपर हस्ताक्षर हुए थे। आज इस केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में उद्घाटन और वैलिडिट्री सत्र सहित कुल पाँच सत्र में विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए। राज्य विश्वविद्यालयोें को विश्वस्तरीय बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों ने विचार मंथन किया।
कार्यशाला में चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञ प्रो. संजीत ने उन बिंदुओं पर खास चर्चा की, जिनकी कमी से प्रदेश के विश्वविद्यालय अपने बेहतर संसाधन और उत्कृष्ट शिक्षण के बाद भी देश और विश्व में रैंक प्राप्त करने में पिछड़ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपक्रम के माध्यम से इन बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करके प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय रैंकिंग में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा। चण्डीगढ़ से आए दूसरे विशेषज्ञ डा. शान ने जानकारी दी कि नैक अपनी मूल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसके लिए सुझाव आंमत्रित किए गए हैं। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित कुलपतियों से नैक प्रणाली में अपेक्षित सुधार प्रेषित करने का सुझाव दिया। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि आगामी नैक में समग्रता से ग्रेडिंग नहीं होगी अपितु प्रत्येक क्राइटेरिया के सभी बिंदुओं पर विभागवार अलग-अलग ग्रेड दिए जायेंगे। बदलाव के बाद आगे विश्वविद्यालयों को नैक होने या न होने से जाना जा सकेगा।
कार्यशाला में चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति सतनाम सिंह संधू ने विश्वास व्यक्त किया कि ये सेंटर आपसी भागीदारी के साथ बहुत कुछ सीखने का अवसर देगा। विविध चर्चाओं के क्रम में प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा ने मौके पर ही समस्याओं के निराकरण पर भी चर्चा की और समाधान का अश्वासन दिया। कार्यक्रम में 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने “उपक्रम” एमओयू होने के बाद एनएएसी मान्यता, एनआईआरएफ रैंकिंग, विश्व क्यूएस रैंकिंग की दिशा में कार्यों की प्रगति पर विचार साझा किए और प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यक्रम में उपक्रम की संगठनात्मक संरचना का गठन भी किया गया।कार्यशाला में ग्यारह राज्य विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय, मेरठ विश्वविद्यालय, बरेली विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, सीएसए विश्वविद्यालय कानपुर, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या, एसजीपीजीआई, लखनऊ के कुलपतियों ने भाग लिया। इसके अलावा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली की प्रोफेसर हिमानी सूद ने अपने कॉलेज, डॉ. संजीत और डॉ. शान के साथ इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री, कृषि शिक्षा राज्य मंत्री भी शामिल हुए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, मुख्य सचिव कृषि शिक्षा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, विशेष सचिव उच्च शिक्षा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद राज्यपाल जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ओएनजीसी भवन में स्थापित हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी का दौरा किया और उसके विविध कार्यों की जानकारी भी ली।