लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा राजभवन में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नैक ग्रेडिंग सेल्फ स्टडी रिपोर्ट प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा को अपनी नैक ग्रेडिंग के लिए तैयार प्रस्तुतिकरण को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा प्रस्तुतिकरण में संबंधित विवरण के हाइपर लिंक में समुचित प्रमाण और गतिविधि युकत फोटोग्राफ ही लगाएं, जिससे नैक का आकलन करने वाली टीम को प्रचुर और स्पष्ट प्रमाण सुलभ हो सकें।
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आज सम्पन्न इस बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारियों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों ने मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए अपने विवरण को बिन्दुवार प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि एसएसआर को समृद्ध भाषा संयोजन के साथ प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने विश्वविद्यालय की नैक कमेटी में नए शिक्षकों को भी जोड़ने को कहा। विश्वविद्यालय के कुलपति ने बैठक मेें जानकारी दी कि विश्वविद्यालय 2010 में स्थापित हुआ था, जिसमें पठन-पाठन 2011 में प्रारम्भ हुआ और विश्वविद्यालय से 04 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। इसी क्रम में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की एल्युमुनाई सेल को सुदृढ़ करने, पास आउट विद्यार्थियों के प्लेसमेंट का विवरण, विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों और सुविधाओं हेतु पॉलिसी बनाकर हाइपर लिंक से जोड़ने को कहा।
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बेहतर सुविधाओं और संसाधनों से सम्पन्न है, जिसका परिसर 948 एकड़ में फैला है और चारो ओर चार-दिवारी भी बनी हुई है। प्राकृतिक सौन्दर्य और वानस्पतिक सौन्दर्य युक्त इसके परिसर को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित करें। उन्होंने विशेष रूप से स्कूली बच्चों को भ्रमण कराकर जैविक खेती की जानकारी देने को कहा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनपी सिंह ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय परिसर में अन्ना पशुओं के लिए की गई व्यवस्था तथा गोबर से दीवाली के दिए बनाने की पहल की जानकारी भी दी।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की बेस्ट प्रैक्टिस से हुए लाभों, लाभार्थियों की संख्या के साथ-साथ बेस्ट प्रैक्टिस का प्रेरणा स्रोत भी प्रस्तुतिकरण में जोड़ने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित आर्गेनिक कॉरीडोर की प्रशंसा की और कहा कि इसके विवरण में आच्छादित गाँवों की संख्या, इससे किसानों की आय में वृद्धि, सकल उत्पादन और विक्रय व्यवस्था का विवरण भी अपने एसएसआर में जोड़ें। उन्होंने आर्गेनिक कॉरीडोर को भौगोलिक चित्र के साथ प्रदर्शित करते हुए प्रस्तुतिकरण में जोड़ने को कहा।
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उन्होंने हाइपर लिंक्स में संलग्न किए गए फोटो का स्पष्ट विवरण दर्शाने वाले कैप्शन भी अंकित करने को कहा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों की टीम से उच्च ग्रेड प्राप्त करने की अपेक्षा के साथ एसएसआर दाखिल करने के लिए उत्साहवर्द्धन किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी सहित तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।