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राज्यपाल ने बताया बुनियादी शिक्षा का महत्व

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बुनियादी शिक्षा बच्चों के भावी जीवन की आधारशिला होती है। समर्थ समाज और राष्ट्र के लिए शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. बाल्यावस्था से ही अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करना चाहिए. राज्यपाल ने डाॅ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा विशेष बच्चों के संदर्भ में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: प्रारम्भिक बाल्यावस्था हस्तक्षेप, देखभाल और समावेशी शिक्षा‘‘ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित किया।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षकों के प्रशिक्षण व्यवस्था का उल्लेख किया. कहा कि जब शिक्षक सीखता है तो देश आगे बढ़ता है। इसके अंतर्गत बाल्यकाल की शिक्षा हेतु वैज्ञानिक आधार पर शिक्षण व्यवस्था की गई है. बाल्यावस्था में बालकों की मूलभूत आवश्यकताओं, स्नेहपूर्ण व्यवहार और रूचिपूर्ण पौष्टिक भोजन का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चे की शिक्षा गर्भ के क्षण से ही प्रारम्भ हो जाती है। इस संदर्भ मं उन्होंने महाभारत काल में अभिमन्यु द्वारा गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की शिक्षा ग्रहण करने का का उल्लेख करते हुए शिशुओं की संस्कार आधारित शिक्षा पर जोर दिया।

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उन्होंने कहा कि शिशुओं को समय-समय पर वार्तालाप के अवसर भी देने चाहिए, वार्तालाप से उनकी आंतरिक प्रतिभा सामने आती है। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया की इस संगोष्ठी के आयोजन से दिव्यांगों एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था हस्तक्षेप देखभाल और समावेशी शिक्षा में वंचित वर्गों के शैक्षिक पुनर्वास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण को एक नई दिशा प्राप्त होगी।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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