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ग्राम्य स्तर तक शोधपरक मूल्यांकन पर राज्यपाल का जोर

उत्तर प्रदेश। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ग्राम्य एवं विकास खंड स्तर पर भी शोधपरक मूल्यांकन की आवश्यकता पर जोर दिया है,जिससे प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्ट कार्य योजना निर्धारित की जा सके. यह रोल मॉडल के रूप में स्थापित होगा. उत्तर प्रदेश का सर्वांगींण विकास को गति मिलेगी.

ग्राम्य स्तर तक शोधपरक मूल्यांकन पर राज्यपाल का जोर

उन्होंने राजभवन में लखनऊ विश्वविद्यालय के विकास विज्ञान संस्थान एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा तैयार ‘उत्तर प्रदेश सतत विकास रिपोर्ट-२०२२’ का लोकार्पण किया। यह सतत विकास रिपोर्ट-२०२२ नियोजन विभाग,उत्तर प्रदेश शासन के सहयोग से तैयार की गयी है। रिपोर्ट तैयार करने में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज कुमार अग्रवाल का भी योगदान रहा है.

इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिपादित 17 सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप उत्तर प्रदेश के विकास का मूल्यांकन करना था, जिसकी निगरानी नीति आयोग, भारत सरकार कर रहा है। यह एक वृहद एवं शोधपरक रिपोर्ट है, जिसमें प्रदेश सरकार के लिए नीतिगत सुझाव भी दिये गए हैं।

रिपोर्ट – डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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