Breaking News

GPF पर हुई कटौती से इन विभागों के कर्मचारियों को होगा बड़ा नुकसान…

नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की केन्द्र सरकार ( Central govt ) ने Govt Employees को बड़ा झटका दिया है. उनकी सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड ( General Provident Fund ) की ब्याज दरों में कटौती कर दी है. वित्त मंत्रालय ( finance ministry ) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले जनरल प्रोविडेंट फंड पर ब्याज को 8 प्रतिशत से 7.9 प्रतिशत कर दिया गया है. मंत्रालय की ओर से जानकारी के अनुसार जीपीएफ ( GPF ) पर 10 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की गई है. नयीब्याज दरें 1 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि पिछली तीन तिमाहियों से 8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था.इन विभागों के कर्मचारियों को हुआ नुकसान 
वित्त मंत्रालय द्वारा दिए एक बयान के अनुसार यह ब्याज दर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी. जीपीएफ के मेम्बर केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं. सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक भाग इसमें निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें रिटायरमेंट के समय प्राप्त होता है.

पीपीएफ पर मिल रहा है 8 प्रतिशत ब्याज 
कोई भी आदमी अपनी मर्जी से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, उसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ बोला जाता है. पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए आपका नौकरीपेशा होना महत्वपूर्ण नहीं है. यह एक तरह से रिटायरमेंट सेविंग प्लान होता है, जो कि मैच्योरिटी के बाद लाभ देता है. पीपीएफ पर वर्तमान समय में 8 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है.

ईपीएफ पर 8.55 प्रतिशत मिल रहा है ब्याज
वहीं संगठित  असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए संचित निधि की जो व्यवस्था है, उसको इंप्लॉज प्रोविडेंट फंड बोला जाता है. इसमें कंपनी  कर्मचारी दोनों का सहयोग होता है.यह वो पैसा होता है, जो कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कट कर प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में जमा होता है. ईपीएफ खाते में जमा राशि पर 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा है.

About News Room lko

Check Also

पांच लाख टन रबी प्याज खरीदेगी केंद्र सरकार, उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताई इसकी वजह

प्याज निर्यात प्रतिबंध के मद्देनजर मंडी की कीमतों में संभावित गिरावट की चिंता के बीच ...