विश्व चैंपियनशिप खिताब के लिए चीन के डिंग लिरेन को चुनौती दे रहे भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सातवीं बाजी में सफेद मोहरों से खेलने के बावजूद जीत हासिल नहीं कर पाए। दोनों के बीच लगातार चौथी बाजी ड्रॉ रही। इसके साथ ही 14 दौर के फाइनल का आधा चरण समाप्त हो गया है और दोनों खिलाड़ी 3.5-3.5 अंकों की बराबरी पर हैं। सातवीं बाजी 72 चालों तक चली। यह फाइनल की अब तक की सबसे लंबी बाजी रही। गुकेश अच्छी स्थिति में होने के बावजूद जीत हासिल नहीं कर पाए। लिरेन के दमदार रक्षण के आगे उन्हें ड्रॉ खेलना पड़ा। गुकेश अंत तक एक पॉन की बढ़त पर थे।
लिरेन की गलती का फायदा नहीं उठाया
40वीं चाल के लिए लिरेन के पास सिर्फ सात सेकेंड बचे थे और उन्होंने इस दौरान भारी गलती भी कर दी। हंगरी की ग्रैंडमास्टर सुजान पोल्गर ने कहा कि लिरेन की यह भारी गलती है और गुकेश जीत की स्थिति में आ गए हैं, लेकिन गुकेश ने जीत की दिशा में कदम बढ़ाने की बजाय अपने बिशप (ऊंट) को पीछे ले आए। लिरेन पूरे मुकाबले में अच्छी स्थिति में नहीं आए, लेकिन उन्होंने अंतिम गेम में जबरदस्त रक्षण का परिचय दिया। एक समय तो गुकेश भी समय के दबाव में फंस गए थे। उन्होंने 56वीं चाल तब चली, जब घड़ी में सिर्फ दो सेकेंड बाकी रह गए थे। गुकेश अंत तक एक पैदल की बढ़त पर रहे, लेकिन वह इसका लाभ नहीं उठा पाए।
5 घंटे 20 मिनट तक चली बाजी
सातवें दौर की बाजी पांच घंटे और 20 मिनट तक चली। दोनों के बीच छठी बाजी भी चार घंटे से अधिक समय तक 46 चाल तक चली थी। मध्य गेम के दौरान पोजीशन और समय के लिहाज से गुकेश भारी बढ़त पर थे। एक समय तो ऐसा लगा कि लिरेन फिर समय के आधार पर बाजी गंवा बैठेंगे। उन्हें 16 मिनट में 15 चालें चलनी थीं। 40वीं चाल में उनके पास हार से बचने के लिए सिर्फ सात सेकेंड ही बचे थे। तीसरी बाजी में भी लिरेन को समय के आधार पर हार मिली थी।