युगोयुगान्तर से रामचरित मानस हिंदुओं का प्रमुख ग्रंथ है. यह इतना लोकप्रिय है कि सारे धर्मों से मुक्त होकर जीवन की आचार संहिता बन गया.लंका कांड में श्रीराम और रावण युद्ध का वर्णन किया गया है. राम-रावण के युद्ध की तरह ही एक युद्ध हमारे भीतर भी चलता आ रहा है, वह युद्ध है-“दर्गुण और सदगुण. इस युद्ध में सदगुणों को जिताना उनका सफल होना है और शांत होना दर्शाया गया था. युद्ध में रावण की सारी सफलता अशांति के साथ थी जबकि राम और सीधे सरल स्वभावी होने के बाद भी सफल और शांत रहे.रावण अपने जीवन की सारी संवेदनशील खत्म कर चुका था.वह सत्ता प्राप्त कर सफलता के शिखर पर था जबकि प्रभु राम सत्ता छोड़ने के बाद शिखर पर थे. इन दोनों के बीच हनुमानजी की प्रमुख भूमिका थी,जब आप उनके आचरण को जीवन से जोड़ते चलेंगे तो हर मनुष्य अपने भीतर के रावण को पराजित कर सरलता और शांति के साथ जीवन बिताना प्रारम्भ कर देगा.
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