गांव की गलियों से अमेरिका पहुंचा हरिकेश वहां के बदमाशों की चाल समझ नहीं पाया और पुलिस की गिरफ्त में आ गया। वह वहां जेल में बंद है। उसे छुड़ाने के लिए उसके परिवारीजन जिम्मेदारों की चौखटों पर मत्था टेक रहे हैं।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, May 11, 2022
गोरखपुर। ओलंपिक की तैयारी करने अमेरिका गया चौरीचौरा क्षेत्र के अहिरौली के हरिकेश पर वक्त का कहर टूट पड़ा है। सपनों को पंख लगने में पैसा बाधा न बने इसलिए उसने अमेरिका के एक होटल में पार्ट टाइम नौकरी शुरू की थी। गांव की गलियों से अमेरिका पहुंचा हरिकेश वहां के बदमाशों की चाल समझ नहीं पाया और पुलिस की गिरफ्त में आ गया। वह वहां जेल में बंद है। उसे छुड़ाने के लिए उसके परिवारीजन जिम्मेदारों की चौखटों पर मत्था टेक रहे हैं।
अहिरौली निवासी विश्वनाथ मौर्या के बेटे हरिकेश का बचपन से ही सपना था कि वह एक बड़ा धावक बनकर देश के लिए ओलिम्पिक मेडल हासिल करेगा। इसके लिए उसने खूब परिश्रम किया। उसने 15 वर्ष की उम्र से ही तैयारी शुरू कर दी थी। श्रीलंका, भूटान, इंडोनेशिया, नेपाल, इथोपिया, नाइजीरिया सहित 15 देशों में दौड़ लगाते और विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीतते हुए वह अमेरिका पहुंच गया था। उसके पिता विश्वनाथ तथा परिवारीजनों को भरोसा था कि उनका लाल देश के लिए कमाल करेगा। इसके लिए यहां गांव में परिवारीजन खूब मेहनत करते थे और हरिकेश की हर सम्भव मदद करते थे।
उधर हरिकेश अपनी तैयारी में पैसा बाधा न बनने पाए इसके लिए एक होटल में पार्ट टाइम नौकरी करने लगा। हालांकि होटल में उसकी नौकरी को लेकर कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। बीते 17 फरवरी की रात हरिकेश ड्यूटी से छुट्टी पर था। उसी दौरान एक व्यक्ति के साथ दो लड़कियां आकर होटल में ठहर गईं। सुबह हरिकेश जब ड्यूटी पहुंचा तो ठीक उसी समय पुलिस की रेड पड़ गई। दोनों लड़कियां होटल से बरामद हुईं लेकिन उनके साथ रुका व्यक्ति फरार हो गया।
अपहृत की गई थीं लड़कियाँ
अमेरिकी पुलिस ने होटल के कर्मचारियों से पूछताछ की लेकिन उस व्यक्ति का पता नहीं चला। पुलिस ने बताया कि लड़कियों का अपहरण किया गया था। अमेरिकी पुलिस ने हरिकेश को भी इस मामले में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। वह तीन माह से कोलोराडो एडमास कंट्री जेल डेनवर में बंद है। उसका मुकदमा कंट्री कोर्ट हाउस 505 हैरीसन अवे, लेडविल्ले सीओ 80461 में चल रहा है।
पिता लगा रहे हैं अफसरों के दफ्तरों के चक्कर
हरिकेश के अमेरिका की जेल में बंद होने की खबर सुनने के बाद उसके पिता विश्वनाथ मौर्या और परिवारीजन परेशान हो गए। बेटे को छुड़ाने के लिए विश्वनाथ ने पीएमओ, विदेश मंत्रालय, खेल मंत्रालय व प्रदेश के सीएम व गोरखपुर डीएम को पत्र भेजकर अपने बेटे की रिहाई की गुहार लगाई है।
पांच वर्ष पूर्व अमेरिका पहुंचा था हरिकेश
वर्ष 2017 से हरिकेश अमेरिका में ट्रेंनिग ले रहा था। कोरोना काल मे उसको आर्थिक परेशानी आई तो पिता ने अपनी जमीन बेचकर पैसा भेजा था। हरिकेश वहां अमेरिका में अपने निजी खर्च पर ट्रेनिंग ले रहा था। उसके जज्बे और लगन को देखते हुए उसके पिता अब तक ज्यादातर खेती की भूमि बेच कर उसकी आर्थिक मदद कर चुके हैं।
अमेरिका में जीता था गोल्ड मेडल
वर्ष 2022 में हरिकेश ने अमेरिका में होने वाले कई मैराथन में भाग लिया और उसमें गोल्ड मेडल जीता। उसके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए ट्रेंनिग के लिए उसका चयन कोलोराडो के एक कैम्प में हो गया था। हरिकेश कई देशों के खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिग ले रहा था। इससे पहले 15 देशो में मैराथन दौड़ लगाकर गोल्ड, सिल्वर मैडल अपने नाम कर चुका है।
रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल