लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में आवासीय क्षेत्रों के भवनों में व्यवसायिक (कमर्शियल) दुकान, शो रूम आदि खोलने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने नगर निगम, आवास विकास परिषद सहित अन्य विपक्षियों से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक ऐसा न किये जाने पर अदालत भारी हर्जाना भी लगा सकती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार की खंड पीठ ने एक जनहित याचिका पर दिए हैं। याची की ओर से अधिवक्ता डॉक्टर एलपी मिश्र व गौरव मेहरोत्रा ने पीठ को बताया कि शहर में बिना किसी नियम के आवासीय घरों में बड़े-बड़े कमर्शियल प्वाइंट चल रहे हैं। एलडीए से कमर्शियल मैप के बिना व्यावसायिक क्रिया कलाप धड़ल्ले से जारी हैं। जनहित याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आवासों से हो रहे व्यावसायिक कार्यों को रोका जाए साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
अदालत ने सरकारी वकील व प्राधिकरण के वकील को कहा है कि विचाराधीन इस मामले के सभी मुकदमों की भी जानकारी दें। विपक्षी पक्षकार इस मामले में विस्तृत जवाब तीन सप्ताह में दे। साथ ही याची भी एक सप्ताह में प्रतिउत्तर शपथ पत्र पेश करे। अदालत ने अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद नियत की है।