राष्ट्रधर्म को सर्वोच्च मानने के बाद स्वहित का विचार समाप्त हो जाता है। विचारधारा महत्वपूर्ण हो जाती है। इस प्रकार के जीवन में व्यक्तिगत राग द्वेष के लिए कोई स्थान नहीं रहता। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने इसी ध्येय मार्ग का अनुसरण किया। इस पर चलते हुए वह अजातशत्रु हो गए। वैचारिक आधार पर उन्होंने जिसका विरोध किया, उसके साथ भी उनके व्यक्तिगत संबन्ध मित्रवत बने रहे। पाकिस्तानी आक्रमण के समय उन्होने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पूरा समर्थन किया। उनकी सराहना की।
कहा कि इस राष्ट्रीय संकट के समय पूरा देश उनके साथ है। वह आज के विपक्षी नेताओं की तरह नहीं थे,जो पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते है। चीन से तनाव के समय अपने प्रधानमंत्री पर ही हमला बोलते है। यदि आज के इन नेताओं ने अटल जी के आदर्शों को समझा होता,तो इनका भी आचरण बदल जाता। तब संकट के समय ये नेता भी राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करते।
अटल जी की पुण्यतिथि पर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराया गया। देश में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। नई दिल्ली के सदैव अटल स्मारक पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अनेक गण्यमान लोगों ने श्रद्धाजंलि अर्पित की। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम उनके शानदार व्यक्तित्व को याद करते हैं। उनके सहृदय स्वभाव को याद करते हैं। उनकी हाजिरजवाबी और हास्य के अंदाज को याद करते हैं।
हम राष्ट्रीय प्रगति में उनकी भूमिका को याद करते हैं। अटज जी हमारे दिलों में ओर नागरिकों की स्मृतियों में हैं। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके राजनीतिक मू्ल्यों को समझना आवश्यक है। राजनीति लोक कल्याण के लिए होनी चाहिए। व्यक्तिगत कल्याण के लिए नहीं। उनका मानना था कि राजनीति सिद्धांत विहीन नहीं होनी चाहिए।
राजनीति परिवार, जाति,क्षेत्र तथा संकीर्ण मानसिकताओं के दायरे से बाहर रहकर होनी चाहिए। आने वाली पीढ़ियों के लिए अटल जी की स्मृतियां चिरस्थायी रहेंगी। उनके द्वारा किए गए कार्य और कृतियां भारतीय राजनीति व समाज को सदैव जीवन्तता और स्पंदन प्रदान करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अटल जी के नाम पर अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। राज्य के प्रत्येक मण्डल में श्रमिकों व अनाथ बच्चों के पठन पाठन और आवासीय सुविधाओं से युक्त अठारह अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है।
अटल जी की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों में अटल सुशासन पीठ स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने मेरी यात्रा अटल यात्रा पुस्तक का विमोचन भी किया।