हिंदू महासभा ने मंगलवार को कहा कि अगर विभाजन के बाद भारत हिंदू राष्ट्र होता तो यहां CAA (नागरिकता संशोधन कानून) जैसे कानून की जरूरत नहीं पड़ती। विवादित बयानों के लिए प्रसिद्ध हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि ने कहा कि अंग्रेजों के अविभाजित भारत छोड़कर जाने के बाद पाकिस्तान ने इस्लामिक राष्ट्र बनना चुना, लेकिन एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनकर भारत ने CAA को अनिवार्य कर दिया।
उन्होंने कहा, “अगर हमने एक हिंदू राष्ट्र बनने के बदले धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनना नहीं चुना होता तो आज CAA की कोई जरूरत नहीं होती।”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलकर भारत में 31 दिसंबर, 2014 और इससे पहले से रह रहे गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को स्वत: ही भारत की नागरिकता प्रदान करता है।
इससे पहले पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स देखे गए थे, जिनमें लिखा था कि अगर NRC और CAA से छुटकारा पाना है तो हिन्दू धर्म में वापसी करनी पड़ेगी।
इन होर्डिंग्स में तीन मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहने दिख रही हैं जिनके सर पर भगवा पगड़ी पहनाई गई है। होर्डिंग के साइड में ‘हैश टैग शाहीन बाल फेल’ लिखा हुआ है। इसके अलावा पोस्टर के नीचे काले अक्षरों में हिन्दू समाज पार्टी लिखा हुआ दिखाई दे रहा हैं।
बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 40 दिनों से महिलाएं CAA और NRC के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं। इन महिलाओं में युवा से लेकर बुजुर्ग महिलाएं भी पूरे जोरशोर के साथ प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं। सबसे खास बात यह है कि यह प्रदर्शन एक मिनट के लिए भी बंद नहीं हुआ है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद भी 24 घंटे और सातों दिन यह प्रदर्शन जारी है। पिछले दिनों शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान करीब एक लाख लोग इकठ्ठा हुए थे।