बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) पर कट्टरपंथी गुटों की तरफ से हमले और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर संगठन के प्रमुख ने बड़ा खुलासा किया हैं। इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि यह हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि संगठन देश में हिंदू समुदाय को एकजुट कर रहा है और जबरन धर्मांतरण का विरोध कर रहा है।
‘हम हमेशा शांति और मानवता के लिए काम करते हैं’
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस्कॉन पर बैन लगाने की याचिका खारिज कर दी, जो इस बात का प्रमाण है कि इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन है। चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि कट्टरपंथियों की तरफ से हिंदू समुदाय को डराने और धर्मांतरण करने के प्रयासों के खिलाफ इस्कॉन खड़ा है। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रयासों से हिंदुओं में हिम्मत आ रही है, और यही कारण है कि हमें निशाना बनाया जा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक, विशेष रूप से हिंदू, लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरूरी- चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी
बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की कि वह हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा, ‘हिंदू भी इस देश के बच्चे हैं और उन्हें बिना डर के जीने का अधिकार है।’ चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि इस्कॉन हमेशा शांति और एकता के लिए काम करता रहेगा। यह हमला सिर्फ इस्कॉन पर नहीं, बल्कि शांति और सह-अस्तित्व के मूल्यों पर है।
इस्कॉन पर झूठा प्रचार- चारु चंद्र दास
वहीं हाल ही में इस्कॉन से निकाले गए चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर, उन्होंने कहा कि वह सितंबर में अनुशासनहीनता के कारण संगठन से बाहर किए जा चुके थे। इस्कॉन का उनके कार्यों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्कॉन को बदनाम करने के लिए झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं। ‘हमारा मिशन मानवता की सेवा करना और सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को बचाना है।’