लखनऊ. पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सत्ता से दूर हुए सभी राजनैतिक दल हार के कारणों का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। कुछ नेताओं ने तो ईवीएम मशीनों की जांच करने की बात कह कर पूरे परिणाम पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है!
इसी क्रम में बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम में छेड़खानी करने की बात कही हुई है।उन्होंने आरोप लगाया कि ईवीएम में कोई भी बटन दबाओ तो बीजेपी को ही वोट जाता था,ऐसी शिकायतें पहले से मिल रही थीं। चुनावी परिणाम इस बात को और अधिक बल दे रहे हैं।
कैसे करती है ईवीएम मशीन काम:
ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में एक कंट्रोल यूनिट होता है। ये मशीन बिजली के अतिरिक्त 6 वोल्ट की बैटरी से भी चलाई जा सकती है। ईवीएम में पहले से दर्ज मतदाता को अपनी पसंद के कैंडिडेट के आगे दिया गया बटन दबाना होता है,और एक वोट लेते ही मशीन लॉक हो जाती है। इसके बाद सिर्फ नए बैलट नंबर से ही मशीन दोबारा खुलती है। एक मिनट में ईवीएम में सिर्फ 5 वोट दिए जा सकते हैं।
ज्यादा आसान तरीका:
ईवीएम मशीन बैलट बॉक्स से ज्यादा आसान है। इसमें स्टोरेज,गणना आदि बैलट की अपेक्षा पहले से बेहतर है। पिछले 15 सालों से ये भारत में चुनाव का हिस्सा बनी हुई है। लेकिन जानकारों के मुताबिक ईवीएम मशीन कुछ हद तक असुरक्षित भी है।
क्या हैं खतरे:
ईवीएम मशीन आसानी हैक की जा सकती हैं। ईवीएम मशीनों के जरिए मतदाता की पूरी जानकारी निकाली जा सकती है। इसे हैक करके चुनावी नतीजों में फेरबदल किया जाना भी काफी हद तक संभव है। ईवीएम मशीन की इंटरनली मेमोरी को किसी इंसान द्वारा आसानी से बदला भी जा सकता है।
हैक करने की मिल चुकी है धमकी:
ईवीएम मशीनों को हैक करने के लिए कई बार धमकी भी दी जा चुकी है। कई देशों में हैकरों ने ईवीएम रिजल्ट बदलने से लेकर वोटरों की जानकारी जगजाहिर करने तक की घमकी पूर्व में दी है। इसके अलावा सिर्फ सिक्योरिटी के लिए ईवीएम का इलेक्शन सॉफ्टवेयर भी बदला जा चुका है। हालांकि सॉफ्टवेयर बदलने के बाद भी ईवीएम को हैक करना काफी आसान है।
इन देशों में बैन है ईवीएम:
*नीदरलैंड ने पारदर्शिता ना होने के कारण ईवीएम बैन कर दी गयी थी।
*आयरलैंड ने 51 मिलियन पाउंड खर्च करने के बाद 3 साल की रिसर्च कर भी सुरक्षा और पारदर्शिता का कारण देकर ईवीएम को बैन कर दिया।
*जर्मनी ने ईवोटिंग को असंवैधानिक कहा, क्योंकि इसमें पारदर्शिता नहीं है।
*इटली ने इसलिए ईवोटिंग को खारिज कर दिया,क्योंकि इनके नतीजों को आसानी से बदला जा सकता है।
*यूएस-कैलिफोर्निया में ईवीएम को बिना पेपर ट्रेल के बैन कर दिया गया।
*सीआईए के सिक्योरिटी एक्सपर्ट मिस्टर स्टीगल के अनुसार वेनेज्यूएला,मैसिडोनिया और यूक्रेन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कई तरह की गड़बड़ियों के चलते इनका इस्तेमाल बंद कर दिया गया।
*इंग्लैंड और फ्रांस ने तो इनका उपयोग ही नहीं किया।
सुब्रमनियन स्वामी का प्रयोग
सुब्रमनियन स्वामी ने एक MIT प्रोफेसर के साथ मिलकर ये दिखाया था कि किस तरह से ईवीएम मशीनों में आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है।
https://.youtu.be/WDnfJR8l5Os
किसी के गले नही उतर रही इतनी बड़ी हार:
अपने पारम्परिक मतदाताओं के क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार का जीत जाना किसी भी हारे हुए दल के गले नही उतर रहा है। स्वाभाविक है,जातिगत समीकरणों के बल पर हर बार जीत का स्वाद चखने वाले राजनीतिक दल इतनी बड़ी हार के लिए कभी भी तैयार नही थे। लेकिन इसके लिए ईवीएम पर सारा दोष मढ़ देना भी सही नही ठहराया जा सकता।