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नक्सली हमले में 12 जवान शहीद

सुकमा. शनिवार की सुबह रोड ओपनिंग के लिए निकले सीआरपीएफ 219 बटालियन के जवानों की टुकड़ी पर हुए नक्सली हमले में 12 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं दो घायल हैं, जिनका उपचार रायपुर में चल रहा है।

शनिवार को भेज्जी में भरने वाले साप्ताहिक बाजार में पहुंचने वाले व्यापारियों को सुरक्षा देने के लिए वहां तैनात सीआरपीएफ बटालियन के कैंप से 60 जवानों की टुकड़ी रोड ओपनिंग के लिए सुबह आठ बजे निकली थी। जवान तीस-तीस की संख्या में दो भागों में बंटकर कोत्ताचेरू की तरफ बढ़ रहे थे।

एक टुकड़ी सड़क के रास्ते आगे बढ़ रही थी तो दूसरी जंगल के रास्ते। जंगल के रास्ते कोत्ताचेरू की तरफ बढ़ रही जवानों की टुकड़ी नक्सली एंबुश में फंस गई। इससे पहले की जवान कुछ समझ पाते माओवादियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। नक्सलियों की तरफ से हुए अंधाधुंध फायरिंग में जवानों को संभलने का मौका भी नहीं मिला। इस गोलीबारी में एक दर्जन से ज्यादा जवान चपेट में आ गए। जिसमें से 11 जवान मौके पर शहीद हो गए। तीन घायल जवानों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर ले जाया गया जिनमें से एक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

रेडियो सेट व हथियार भी लूट ले गए नक्सली:

नक्सली जवानों के दो रेडियो सेट व 11 ऑटोमेटिक हथियार भी लूटकर अपने साथ ले गए हैं। इनमें इंसास व एके -47 एसाल्ट राइफलें शामिल हैं।

बड़े हमले की थी तैयारी:

नक्सली जवानों को एंबुश में फंसाकर ताड़मेटला जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। इलाके में बड़ी संख्या में आईईडी भी प्लांट कर रखा था। सूत्रों के अनुसार इस वारदात को अंजाम देने नक्सलियों की मिलिटरी बटालियन की कंपनी नंबर एक की कमान कमांडर सोनू ने संभाल रखी थी। ऐसा बताया जा रहा है कि पीएलजीए बटालियन का कमांडर हिड़मा भी मौजूद था।

गोलीबारी में एक दर्जन से ज्यादा जवानों के चपेट में आने के बाद बाकी जवान एंबुश से जैसे-तैसे बचकर निकलने में कामयाब रहे। जब तक भेज्जी व कोत्ताचेरु से री-इनफोर्समेंट पार्टी मुठभेड़ स्थल पर पहुंचती नक्सली जवानों से हथियार लूटकर जंगल की ओर भाग चुके थे।

झीरम टू की बरसी पर वारदात: 

सुकमा जिले के तोंगपाल से चार किमी दूर जगदलपुर मुख्य मार्ग पर एनएच 30 में बसे गांव टाहकवाड़ा के पास तीन साल पहले 11 मार्च 2014 को नक्सलियों ने इसी तरह एंबुश में फंसाकर सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी को निशाना बनाया था। तब नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 11 व जिला पुलिस बल के चार जवान शहीद हो गए थे। उस नक्सली हमला को झीरम टू के नाम से जाना जाता है।

बंद रखीं दुकानें:

नक्सली हमले में 12 जवानों के शहादत की खबर मिलते ही जिला मुख्यालय समेत छिंदगढ़, गादीरास, दोरनापाल एवं कोंटा में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं,भेज्जी में बाजार भी नहीं लगी।

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