Breaking News

लोक लेखा समिति के सौ वर्ष

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

संसदीय व्यवस्था के संचालन में समितियों का विशेष महत्व रहता है। इनसे किसी विषय पर दलगत निष्ठा से ऊपर उठकर विचार विमर्श की अपेक्षा रहती है। ये बात अलग है कि इस भावना का उल्लंघन भी होता है। लोक लेखा समिति अपने नाम के अनुरूप ही अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसमें लोक भी है और लेखा भी है। वित्त शासन संचालन का मूल आधार है। संवैधानिक तंत्र में वित्त पर लोक नियंत्रण की सैद्धांतिक व्यवस्था रहती है। संसद की लोक लेखा समिति इस सिद्धांत के अनुरूप कार्य करती है।

लोक लेखा समिति के सौ वर्ष पूरे होने पर आज संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। उद्घाटन समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित,पूर्व केंद्रीय मंत्री व उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक सहित अनेक गण्यमान लोग शामिल हुए।

राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में संसद लोगों की इच्छाओं का प्रतीक होती है और संसदीय समितियां इसके विस्तार के रूप में काम करते हुए इसे कार्यकुशल बनाती हैं। संसदीय लोकतंत्र में शासन की जवाबदेही होती है। संसद ही कार्यपालिका को धनराशि जुटाने और खर्च करने की अनुमति देती है। निर्धारित उद्देश्यों के अनुसार धन संग्रह व्यय को देखना उसका कर्तव्य व अधिकार है।

लोक लेखा समिति, विधायिका के प्रति कार्यपालिका की प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करती हैं। सौ वर्ष पूर्व आज के ही दिन सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में लोक लेखा का गठन किया गया था। यह समिति नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर विचार करती है। पहले सत्ता पक्ष का सदस्य ही इसका अध्यक्ष होता था।

1967 के बाद यह पद मुख्य विपक्षी दल को मिलने लगा। इनकी नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है। इसमें अधिकतम बाइस सदस्य होते हैं हैं। जिसमे से लोक सभा के पन्द्रह सदस्य व अन्य राज्य सभा से लिए जाते है। यह समिति संबंधित विषय पर सिफारिश करती है। किंतु यह सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होती है।

About Samar Saleel

Check Also

75 करोड़ रुपये से होगा भीड़ प्रबंधन, अमेरिका और इटली के इन शहरों का भी नाम

काशी के भीड़ प्रबंधन का समाधान निकालने के लिए विश्व भर के इनोवेटर्स को आमंत्रित ...