लखनऊ। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज पलटू दास आश्रम में पंचपल्लव पंचवटी का पौधा रोपण किया गया, जिसके बाद जागरूकता कार्यक्रम भी हुआ। रूपल जैन ने ‘पंचतत्व एक्शन सॉन्ग’ प्रस्तुत किया, जिसमें Environment protection पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया था।
सभी पार्टियां Environment protection की सिर्फ राजनीति कर रहीं
गंगा सेवा मिशन के आनंद स्वरूप जी महाराज ने कहा कि 98 से गंगा सेवा कर रहा हूं लेकिन रिजल्ट आज भी ज़ीरो है। कार्य में प्रगति के बजाय अवनत हो रही है। हमारी संवेदनाएं पंचभूतों के प्रति मर गई हैं, वही हमें जीवित करनी है। सभी मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। सभी पार्टियां नदी बचाने और Environment protection पर्यावरण बचाने की सिर्फ राजनीति कर रही हैं।
संकल्प करें कि पानी बचाएंगे,पेड़ पौधे की पत्तियां नहीं तोड़ेंगे, हाथ उठाकर शपथ लें और आज से ही इस संकल्प को शुरू करें : आनंद स्वरूप जी महाराज
कार्यक्रम में लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल विकास होना चाहिए। माताओं की भूमिका महति है, परिवार का निर्माण करती है, परिवार में पशु पक्षी पेड़ सभी शामिल हैं। पूर्वजों ने हमें यही संदेश दिया कि जल और पेड़ का संरक्षण करोगे, तभी समाज सुरक्षित रहेगा।
वृक्षारोपण ही एकमात्र विकल्प
इस अवसर पर पलटू दास आश्रम के महंत दिनेश आनंद सरस्वती ने कहा कि वैदिक संस्कार आवश्यक है। जिन बच्चों का यह संस्कार हो जाता है वे गलत रास्ते पर नहीं चलते। वातावरण की शुद्धि के लिए यज्ञ करें, जिससे पर्यावरण शुद्ध होगा। सरकार 35000 करोड़ प्रतिवर्ष पर्यावरण पर खर्च करती है लेकिन प्रदूषण कम नहीं हो रहा है, इसके लिए वृक्षारोपण ही एकमात्र विकल्प है।
एक वृक्ष अवश्य लगाएं
डॉक्टर भारती पांडे ने कहा कि 1 दिन मनाने से कार्य सिद्ध नहीं होगा। हमें प्रतिदिन पर्यावरण दिवस मनाना होगा। जल और नदियों की स्थिति बहुत भयावह है, व्यास नदी को बांध दिया गया। उसे नाला बना दिया गया। नदी संरक्षण में महिलाओं की भूमिका पुरातन काल से ही है। महिलाएं एक वृक्ष अवश्य लगाएं। जब तक जीवन है, उसकी देखभाल अवश्य करें। पानी बचाने का कार्य करें।
कार्यक्रम ही नहीं, धरातल पर कार्य होना चाहिए
कार्यक्रम के आरंभ में लोक भारती के संपर्क प्रमुख श्री कृष्ण चौधरी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण के लिए कार्यक्रम ही नहीं होना चाहिए, बल्कि धरातल पर कार्य होना चाहिए। नदियां सूख रही हैं व जल स्तर गिर रहा है , वायु प्रदूषित हो रहा है इस पर विचार करना होगा। जिससे आगे आने वाली पीढ़ी सुरक्षित हो सके।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक विशंभर नाथ पांडे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा अभी तक जो मनीषियों ने बताया उसका पालन करें और लोगों को जागृत करें।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लोकभारती के प्राकृतिक अभियान के गोपाल उपाध्याय, शेखर त्रिपाठी, प्रोफेसर ए पी तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, कृष्णानंद राय, रामचंद्र सिंह, अनीस वारसी, स्वामी पटियाला और डॉक्टर नवीन सक्सेना प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।