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‘कनेक्टिविटी जितनी मजबूत होगी, राष्ट्र भी उतना ही सामर्थ्यवान’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के 351 किलोमीटर लम्बाई के न्यू खुर्जा से न्यू भाउपुर खण्ड तथा केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र, प्रयागराज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झण्डी दिखाकर खुर्जा एवं भाउपुर रेलवे स्टेशनों से मालगाड़ियों को रवाना किया। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी में नयी पहचान दिलाने तथा भारत व भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। खुर्जा और भाउपुर से पहली मालगाड़ी के संचालन के साथ ही नये और आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना सुनायी दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय परिचालन नियंत्रण केन्द्र, प्रयागराज भी नये भारत के नये सामथ्र्य का प्रतीक है। यह दुनिया का बेहतरीन और अत्याधुनिक रेल परिचालन केन्द्र है। गर्व की बात है कि इस सेण्टर की मैनेजमेंट और डाटा सम्बन्धी तकनीक भारत में ही तैयार की गयी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की सामथ्र्य का सबसे बड़ा स्रोत है। इसमें भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें और नाड़ियां हैं। यह नसें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र भी उतना ही सामथ्र्यवान होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है। ऐसे में बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ विगत 06 वर्षाें में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ कार्य किया गया है। इसलिए आर्थिक रफ्तार के जरूरी 05 पहियों, हाई-वे, रेलवे, एयर-वे, वाटर-वे एवं आई-वे को गति दी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर का उद्घाटन कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम है। सरल भाषा में डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर मालगाड़ियों के लिए बनाये गये विशेष ट्रैक हैं। उन्होंने कहा कि खेती, उद्योग, बाजार आदि सभी आर्थिक-व्यावसायिक के लिए माल ढुलाई जरूरी है। रेल इसका सबसे बड़ा माध्यम रही है। अर्थव्यवस्था के विकास के साथ ही माल ढुलाई पर दबाव बढ़ा। हमारे देश में मालगाड़ियां व यात्री टेªनें एक ही पटरी पर संचालित होती हैं। इससे दोनों ही तरह की रेलगाड़ियों की गति कम हो जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मालगाड़ियों के आवागमन में अधिक समय लगने से लागत में वृद्धि होती है। इससे खेती, खनिज उत्पाद एवं औद्योगिक उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है। उत्पादों के मंहगे हो जाने से वह देश-विदेश के बाजारों की स्पर्धा में टिक नहीं पाते हैं। इससे निपटने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर की योजना बनायी गयी। प्रारम्भ में 2 डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर बनाये जाने की योजना है। पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ रहा है। सैकड़ों किलोमीटर लम्बे इस काॅरिडोर में कोयला खानें, थर्मल पावर प्लाण्ट, औद्योगिक शहर स्थित हैं। इनके लिए फीडर मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर महाराष्ट्र के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट को उत्तर प्रदेश के दादरी से जोड़ता है। लगभग 1500 किलोमीटर के इस काॅरिडोर में गुजरात के मुंदरा, कांडला, पीपावाव, दाहेज, हजीरा के बड़े बन्दरगाहों के लिए फीडर मार्ग होंगे। दोनों डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के आसपास दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर और अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर भी विकसित किये जा रहे हैं। इसी तरह उत्तर को दक्षिण से और पूरब को पश्चिम से जोड़ने वाले ऐसे विशेष रेल काॅरिडोर से जुड़ी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मालगाड़ियों के लिए इन सुविधाओं से यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी। मालगाड़ियों की गति बढ़कर पहले से तीन गुना हो जाएगी। साथ ही, दुगुना माल परिवहन भी किया जा सकेगा, क्योंकि इन पटरियों पर डबल डेकर मालगाड़ियां संचालित की जा सकेंगी। इससे हमारे उत्पाद सस्ते होंगे और उनका निर्यात भी बढ़ेगा। देश में निवेश, औद्योगिक गतिविधियां और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर हर एक के लिए अवसर लेकर आये हैं। विशेषकर पूर्वी भारत को नयी ऊर्जा देने वाला है। इस परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत भाग उत्तर प्रदेश में है। इसलिए उत्तर प्रदेश के हर छोटे-बड़े उद्योग को लाभ होगा। देश-विदेश के उद्योगों में जिस प्रकार उत्तर प्रदेश के लिए आकर्षण बीते वर्षाें में पैदा हुआ है, वह और अधिक बढ़ेगा। इन डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर का लाभ किसान रेल को भी होने वाला है। कल ही देश में 100वीं किसान रेल की शुरुआत की गयी है। किसान रेल से खेती की उपज को देश के बड़े-बड़े बाजारों में पहुंचाना सम्भव हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नये फ्रेट काॅरिडोर में किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में भी किसान रेल से अनेक स्टेशन जुड़ चुके हैं। इनमें लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के पास भण्डारण और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता बढ़ायी जा रही है। उत्तर प्रदेश के 45 माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा, राज्य में 08 नये गुड्स शेड भी बनाये गये हैं। वाराणसी और गाजीपुर में 02 बड़े पेरिशबल कारगो सेण्टर पहले ही किसानों को सेवा दे रहे हैं। इनमें किसान फल, सब्जियां जैसी जल्दी खराब होने वाली उपज स्टोर कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना को वर्ष 2006 में मंजूरी दी गयी थी। वर्ष 2014 के बाद इस परियोजना को तेजी से बढ़ाया गया। आगामी कुछ महीनों में डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना पर 1100 किलोमीटर का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की भांति ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के स्थान पर रेल पटरियों के आधुनिकीकरण पर बल दिया। अलग से रेल बजट की व्यवस्था खत्म कर रेलवे ट्रैक को तेजी से चलने वाली ट्रेनों के लिए तैयार किया गया। रेलवे नेटवर्क के चैड़ीकरण व विद्युतीकरण पर फोकस किया गया। आज ‘वन्दे भारत’ जैसी सेमी हाइब्रिड ट्रेन भी संचालित हो रही हैं। साथ ही, भारतीय रेल पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विगत वर्षाें में रेलवे में हर स्तर पर सुधार किये गये। रेलवे में स्वच्छता, बेहतर खान-पान व अन्य सुविधाओं पर ध्यान दिया गया। रेलवे से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भारत ने बड़ी छलांग लगायी है। देश में अब आधुनिक ट्रेनों के निर्माण के साथ ही निर्यात भी हो रहा है। वाराणसी का लोकोमोटिव कारखाना इलेक्ट्रिक इंजन बनाने वाला बड़ा सेण्टर बन रहा है। रायबरेली स्थित माॅडर्न कोच फैक्टरी में अब तक 5,000 से ज्यादा नये रेलवे कोच बन चुके हैं। यहां बनने वाले रेल कोच अब निर्यात भी किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनों और आन्दोलनों में देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सम्पत्ति देश के नागरिकों, करदाता, समाज के हर वर्ग की है। इसमें उनका पैसा लगा हुआ है। इसलिए इस सम्पत्ति को होने वाला नुकसान देश के गरीब, सामान्य वर्ग को होने वाला नुकसान है। अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते हुए राष्ट्रीय दायित्व को नहीं भूलना चाहिए। भारतीय रेल को अक्सर प्रदर्शनों में निशाना बनाया जाता है, जबकि रेलवे मुश्किल परिस्थितियों में भी सेवाभाव से देश के काम आती है। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों/कामगारों को वापस पहुंचाने, दवा, सामान आदि के परिवहन में रेलवे ने उल्लेखनीय योगदान किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे विकास की जीवनरेखा है। देश व प्रदेश की प्रगति में इसका योगदान सर्वविदित है। प्रधानमंत्री जी द्वारा आज ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के न्यू खुर्जा से न्यू भाउपुर खण्ड का उद्घाटन प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए उपहार है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारतीय रेल के परिचालन में एक विशिष्ट स्थान रखता है। 04 क्षेत्रीय रेलों द्वारा सेवित हमारे प्रदेश में रायबरेली स्थित मॉर्डन कोच फैक्ट्री एवं वाराणसी स्थित डीजल लोकोमोटिव वक्र्स प्रोडक्शन यूनिट्स भी हैं। उत्तर प्रदेश में त्वरित परिवहन तथा विकास में भारतीय रेल का महत्वपूर्ण योगदान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के निर्माण से मालगाड़ियों की औसत गति मौजूदा 25 किलोमीटर प्रति घण्टा से बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घण्टा हो जाएगी। इससे प्रदेश में खाद्यान्न परिवहन में सुविधा होगी व औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे लैण्डलाॅक राज्य के लिए डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका बड़ा हिस्सा प्रदेश में है। साथ ही, ईस्टर्न व वेस्टर्न दोनों काॅरिडोर का जंक्शन भी राज्य में ही है। यह प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि विगत 5-6 वर्षाें में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में काॅरिडोर्स के निर्माण में जो गति आयी है, उससे यह काॅरिडोर्स समयबद्ध ढंग से पूर्ण होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल के दौरान 40 लाख श्रमिकों व कामगारों को वापस लाने में भारतीय रेल ने अभूतपूर्व योगदान किया। इससे भारतीय रेल और शासकीय व्यवस्था के प्रति अन्तिम पायदान के व्यक्ति में विश्वास सुदृढ़ हुआ। प्रदेश में लगभग 6,000 किलोमीटर से अधिक की नई लाइन, आमान परिवर्तन तथा डब्लिंग की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनके पूरे होने पर प्रदेशवासियों को बेहतर एवं त्वरित रेल यातायात उपलब्ध होगा एवं मालगाड़ियों की गति में वृद्धि होगी। पिछले 4 वर्षों में बड़ी संख्या में मानवरहित सम्पार फाटक हटाये गए हैं, जिससे जन-धन की बड़ी हानि नियंत्रित हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रेल की प्रोडक्शन यूनिट्स प्रदेश स्थित एमएसएमई इकाइयों से अधिक से अधिक मात्रा में सामग्री का क्रय कर उन्हें प्रोत्साहित करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भारतीय रेल के मामलों का पारस्परिक संवाद के माध्यम से समाधान करेगी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत रुचि एवं लगातार प्रेरणा और प्रोत्साहन से डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना पर वर्ष 2014 के पश्चात 45,600 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि व्यय हुई है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के 351 किलोमीटर लम्बाई के खुर्जा से भाउपुर रेलखण्ड का शुभारभ ‘मेक इन इण्डिया’ का उदाहरण है। प्रयागराज में स्थापित किया गया परिचालन नियंत्रण केन्द्र विश्व के आधुनिकतम परिचालन केन्द्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि 81,500 करोड़ रुपये लागत की दोनों डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजनाएं देश में विकास का परिवहन करेंगी। डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर पर केवल मालगाड़ियां चलेंगी। इससे देश के उत्पादों को आसानी से पोर्ट तक पहुंचाया जा सकेगा। मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों तक कच्चे माल एवं कृषकों के उत्पाद के परिवहन में भी तेजी आएगी।

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