भारत हमेशा से मिसाल देने वाला राष्ट्र रहा था। कभी हमारे महापुरुष विश्व में चर्चित हुए तो कभी हमारे क्रांतिकारी। बात पुरुष की हो या महिला ,हर समय भारत एक से बढ़कर एक संतानों के लिए जाना जाता रहा है। ऐसे ही नामों में एक नाम है “Kalpana chawla”।
शायद ही कोई हो जो इस नाम से परिचित न हो।
लोगों की मिसाल “Kalpana”
कल्पना एक ऐसा नाम है जो इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है और हमेशा से बहादुरी की मिसाल मानी जाती है। आज तक जहां जाने की सोचकर कोई भी व्यक्ति अपनी सोच की कल्पना भी नहीं पंहुचा पाता वहां कल्पना चावला ने हंसते-हंसते जाकर इतिहास लिख दिया।
अपनी छोटी सी उम्र में कीर्तिमान रचने वाली कल्पना ने बेशक इस दुनिया को अलविदा कह दिया हो लेकिन आज भी वो हर भारतीय के दिलों पर राज करती हैं।
कुछ बाते ‘कल्पना’ की …
कल्पना,जो निकली कल्पनाओ से भी परे
कल्पना के साथ हुए हादसे में कल्पना नहीं रहीं किन्तु देश कल्पना जैसे बहादुर महिला पर हमेशा से गर्व करता है। लोगों का मानना है कि बहादुर कल्पना आज भी लोगों की कल्पनाओं में जिंदा हैं।
- बता दें कि कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता ले ली थी।
- यहां तक की उन्होंने फ्रांस के जान पियर से शादी की थी।
- जान पियर एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।
कल्पना चावला ब्रेवरी अवार्ड
- बता दें ,कल्पना चावला के नाम पर बहादुर महिलाओं को ‘कल्पना चावला ब्रेवरी अवार्ड’ दिया जाता है।
- इस पुरस्कार में 51,000 नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
- हाल ही में हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पर्वतारोही अनीता कुंडू तथा सुनीता सिंह को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- वहीं बॉलीवुड में कल्पना पर बायोपिक बनाने की भी चर्चा हो रही है।
कल्पना चावला उर्फ़ “मोंटू”
- कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल शहर में 17 मार्च 1962 को हुआ था।
- कल्पना के मां का नाम संज्योती और पिता का नाम बनारसी लाल चावला था।
- चार भाई-बहनों में कल्पना सबसे छोटी थीं व इन्हे प्यार से मोंटू कहा जाता था।
- खास बात तो यह है कि हरियाणा में आज भी लोग अपनी बेटियों को जब आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं तो कल्पना नाम लेते हैं।
1998 में पहली उड़ान
- कल्पना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई थी।
- इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया ।
- 1982 में यहां से ग्रेजुएशन करने के बाद वह अमेरिका चली गईं।
- कल्पना ने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की।
- इसके बाद 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में वह पहली उड़ान के लिए चुनी गईं।
2003 में यान पृथ्वी की कक्षा में आते समय …
- कल्पना ने पहली उड़ान एस टी एस 87 कोलंबिया शटल से 19 नवंबर 1997 से भरी थी।
- इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की थी।
- इस मिशन के बाद कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के लिए दूसरी उड़ान कोलंबिया शटल से भरी थी।
- इस मिशन में वापस आते समय 1 फरवरी 2003 को यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने पर क्रैश हो गया था।