रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तपस्वी छावनी मंदिर के पुजारी परमहंस दास को गुरुवार को कुछ घंटों के लिए हिरासत में ले लिया गया था। उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी पर जमकर बवाल होने लगा था और दर्जन भर भक्तों ने तपस्वी छावनी मंदिर के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
लोग परमहंस दास की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए थे। इस दौरान परमहंस दास ने खुद को अपने कमरे में बंद कर रखा था। इसके बाद वहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई लेकिन नृत्यगोपाल दास के भक्त अपनी मांग पर अड़े हुए थे। नृत्यगोपाल दास के भक्तों का कहना था कि वे अपने गुरू का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी तरह पुलिस अधिकारियों ने उनको शांत कराने की कोशिश की और कक्ष से परमहंस दास को निकालकर अपने साथ ले गई। हालांकि, कुछ घंटों के बाद उनको छोड़ दिया गया।
एसएसपी अयोध्या आशीष तिवारी ने बताया, ‘हमने परमहंस दास को हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में छोटी छावनी मंदिर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया, इसलिए हमने उन्हें रिहा कर दिया। वहीं, रिहाई के बाद परमहंस दास ने पूरे मामले पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि वे कुछ समय के लिए अयोध्या से बाहर बनारस में रहेंगे
राम जन्मभूमि न्यास का गठन विहिप के सदस्यों द्वारा 18 दिसंबर 1985 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के उद्देश्य से किया गया था। बता दें कि अयोध्या भूमि विवाद पर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को देने का फैसला किया था। साथ ही कोर्ट ने मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था।