सबरीमाला का दो महीने लंबा सीजन रविवार से शुरुआत हो रहा है। मंदिर की औनलाइन बुकिंग सुविधा के माध्यम से 36 स्त्रियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। विशेष बात यह रही कि इन स्त्रियों द्वारा अपना पंजीकरण उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के निर्णय से पहले करवाया गया था। बता दें कि शीर्ष न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर और दूसरी धार्मिक जगहों पर स्त्रियों के प्रवेश के मसले को गुरुवार को सात न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को भेज दिया।
सुप्रीम न्यायालय ने अपने आदेश में बोला था कि 28 सितंबर 2018 के निर्णय पर कोई स्टे नहीं है , जिसमें 10 और 50 आयु के बीच की स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश पर रोक को हटा लिया गया है। इसके अर्थ हैं कि सभी आयु वर्ग की महिलाएं बड़ी पीठ का निर्णय आने तक मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं। यहां आपको यह भी बता दें कि पिछले सीजन में प्रतिबंधित आयु वर्ग की 740 स्त्रियों ने दर्शन के लिए पंजीकरण करवाया था।
सर्वोच्च कोर्ट में 5 जजों की बेंच को आज इस बारे में निर्णय देना था, लेकिन न्यायालय ने इसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए 3-2 के मत से याचिकाएं बड़ी बेंच को सौंप दी हैं। हालांकि न्यायालय ने 28 सितंबर 2018 के निर्णय को बरक़रार रखते हुए मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश पर स्टे लगाने से इन्कार कर दिया है।