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बाल-बाल बची इजरायल के पीएम नेतन्याहू की जान, रैली के दौरान गाजा पट्टी की ओर से मिसाइल अटैक

इजरायल में बुधवार को गाजा पट्टी के मिसाइल अटैक के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक रैली बीच में छोड़ना पड़ गया. हालांकि जान-माल को नुकसान पहुंचाने वाला कोई बड़ा हादसा नहीं हो पाया. हाल के महीनों में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब उन्हें कार्यक्रम बीच में ही छोड़ना पड़ा.

इजरायल की सेना की ओर जारी बयान में कहा गया, ‘गाजा पट्टी से इजरायल क्षेत्र की ओर मिसाइल दागा गया जिसे आयरन डोम एयर डिफेंस इंटरसेप्टर ने रोक लिया.’ सेना की ओर से बताया गया कि मिसाइल दागने के बाद फिलस्तीन एनक्लेव के नजदीक और दक्षिणी शहर अश्केलॉन में सायरन बजने लगे. प्रधानमंत्री नेतन्याहू अश्केलॉन में ही रैली को संबोधित कर रहे थे.

इजरायल के सरकारी प्रसारणकर्ता केएएन 11 ने तस्वीरें भी जारी की है. तस्वीरों में नेतन्याहू को सुरक्षा गार्ड ‘रेड अलर्ट’ के बारे में बताते दिख रहे हैं. बीते सप्ताह भी गाजा से इजरायल की ओर दो रॉकेट दागे गए थे. इसके जवाब में इजरायल के दो लड़ाकू विमानों ने हमास के ठिकानों पर बम बरसाए थे.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, गाजा पट्टी की ओर से दागी गई मिसाइल का निशाना अश्केलॉन शहर था. जो कि फिलीस्तीनी इलाके से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर है. इस मिसाइल को इजरायल ने अपने आयरन डोम एयर डिफेंस इंटरसेप्टर से मार गिराया. गाजा की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि ये हमला उनकी ओर से किया गया था. गाजा पट्टी पर इस्लामिक आतंकी संगठन हमास का कब्जा है. यह आतंकी संगठन इजरायल के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है.

इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू स्थानीय चुनावों के लिए अश्केलॉन में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. उसी दौरान गोपनीय सूचना मिली थी कि गाजा पट्टी की तरफ से एक मिसाइल दागी गई है. जो आस-पास ही गिर सकती है. वहां मिसाइल आने के अलार्म वाला सायरन बजना भी शुरू हो गया था. नेतन्याहू को फौरन नजदीकी बंकर में ले जाकर सुरक्षित किया गया. इसके बाद मिसाइल को मार गिराया गया.

कुछ समय पहले ही इजरायल में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव हुए थे. उसमें किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. फिलहाल केयरटेकर सरकार के तौर पर बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी ही काम कर रही है. नेतन्याहू अभी कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले इसी साल 10 सितंबर को लिकुड पार्टी के प्रमुख को दक्षिणी शहर अशदोद में एक चुनावी रैली छोड़कर जाना पड़ा था. उस दौरान भी गाजा पट्टी से हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजने लगे थे.

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